सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि ‘हर घर नल-हर घर जल’ के संकल्प के साथ प्रदेश के 2.65 करोड़ ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का महाभियान चल रहा है। जल जीवन मिशन के शुरुआत से पहले सिर्फ 5.16 लाख परिवारों को ही नल से शुद्ध पेयजल मिल पाता था।
सीएम योगी ने कहा कि लगातार प्रयासों से एक करोड़ 30 लाख से अधिक परिवारों के लिए शुद्ध पेयजल का सपना साकार हुआ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में ही 59.38 लाख कनेक्शन लगाए गए हैं। शेष घरों को भी पाइप्ड पेयजल की सुविधा मिले, ऐसे में इस कार्य को समयबद्धता के साथ चरणबद्ध रूप से पूरा किया जाए।
सीएम योगी ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा किए। उन्होंने हर घर तक नल से जल पहुंचाने के प्रयासों को तेज करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल है। केंद्र सरकार इसके क्रियान्वयन की सतत् समीक्षा कर रही है।
सीएम योगी ने कहा कि यह सुखद है कि जून 2023 के सर्वेक्षण में अचीवर श्रेणी के सभी तीन जनपद (गौतमबुद्ध नगर, जालौन और शाहजहांपुर) उत्तर प्रदेश के हैं। परफॉर्मर श्रेणी में जनपद मैनपुरी और औरैया को शीर्ष दो स्थान मिले हैं, जबकि एस्पिरेन्ट्स श्रेणी में जनपद आजमगढ़ शीर्ष पर है। ऐसे ही प्रयास सभी जनपदों में किए जाने चाहिए।
सीएम योगी ने आगे कहा कि अप्रैल, 2022 में प्रदेश में 22,714 नल कनेक्शन प्रतिमाह लगाए जा रहे थे, जो मई, 2023 में 12.96 लाख कनेक्शन हर महीने तक पहुंच गए हैं। वर्तमान में 43 हजार नल कनेक्शन प्रतिदिन लगाए जा रहे हैं। इसे 50 हजार हर दिन विस्तार दिए जाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन की पूर्णता के लिए मार्च, 2024 तक का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक दशा में इस अवधि तक प्रदेश के हर घर में नल से जल की सुविधा उपलब्ध हो जाए।
सीएम योगी ने कहा कि जल जीवन मिशन जैसी आम आदमी के जीवन को सरल बनाने वाली राष्ट्रीय योजना की सफलता उत्तर प्रदेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी है। जल जीवन मिशन के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है। आवश्यकतानुसार मैनपावर बढ़ाया जाए। हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती कर दी जाए। इसमें कतई देरी न हो।
सीएम योगी ने आगे कहा कि बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल एक सपना था। आज यह सपना साकार हो रहा है। यह दोनों ही क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता में है। लगातार प्रयासों से महोबा, प्रदेश का ऐसा पहला जिला बनने जा रहा है, जहां हर घर नल से जल की सुविधा होगी। झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे विंध्य-बुन्देलखण्ड के जिले में आगामी दो महीने में हर घर नल से जल का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए।
सीएम योगी ने आगे कहा कि प्रदेश के 98,445 गांवों में से 91,919 गांवों में काम जारी है। सभी गांवों में समय सीमा के काम पूरे कराए जाएं। जिन 6,800 गांवों के लिए डी.पी.आर. तैयार है, उनकी एस.एल.एस.एस.सी. की स्वीकृति की प्रक्रिया प्रत्येक दशा में जल्द पूरी कर ली जाए। गांवों में लोगों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। यह देश में जल संचय का एक अच्छा मॉडल बन सकता है।
सीएम योगी ने निर्देश दिया कि विंध्य-बुंदेलखंड में पाइप्ड पेयजल के लिए बिजली कनेक्शन में अनावश्यक देरी न की जाए। नमामि गंगे और ऊर्जा विभाग परस्पर समन्वय के साथ इस काम को समय से पूरा कराएं। सीएम ने आगे कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में जलापूर्ति में जलाशयों की बड़ी भूमिका है। इनमें सिल्ट की समस्या है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जलाशयों को डी-सिल्ट करने की कार्यवाही की जाए। जल जीवन मिशन से 100 प्रतिशत संतृप्त गांवों का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए।
सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि अगर एक भी उपभोक्ता असंतुष्ट है तो उनकी अपेक्षाओं को पूरा किया जाए। हमें स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। कार्यपद्धति में पूरी शुचिता और पारदर्शिता होनी चाहिए। जलापूर्ति के साथ-साथ जल की अच्छी गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है। आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारापन, नाइट्रेट, आयरन आदि के कारण गुणवत्ता प्रभावित जल वाले क्षेत्रों के सुधार के लिए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इन क्षेत्रों में कार्य तेज किए जाने की जरूरत है।
सीएम योगी ने कहा कि अविरल-निर्मल मां गंगा के संकल्प के साथ गंगा एवं सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए मिशन मोड में जारी नमामि गंगे परियोजना के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। प्रदेश में गंगा नदी के प्रवाह के कुल 1,027 किलोमीटर में 27 गंगा जनपद और 37 गंगा टॉउन हैं। पहले कन्नौज से वाराणसी तक 550 किमी का प्रदूषित खण्ड गुणवत्ता में प्रॉयोरिटी 04 में आता था। उस प्रदूषित खण्ड की जल गुणवत्ता में सुधार होने के कारण नवंबर 2022 से यह खण्ड प्रॉयोरिटी 05 में आ गया है। अब हमें फर्रुखाबाद से प्रयागराज और मीरजापुर से गाजीपुर खण्ड पर विशेष ध्यान देना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में स्थापित सभी एस.टी.पी. को क्रियाशील रखें। नॉन कंप्लाएंट अथवा अक्रियाशील एस.टी.पी. को तत्काल चालू कराया जाए। वाराणसी में उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) ने अंडर यूटिलाइज्ड 120 एम.एल.डी. गोइठा एस.टी.पी. की उपयोग क्षमता में वृद्धि करेगी। इसके साथ ही 80 नाला ओवरफ्लो को टैप करने के लिए स्वीकृत 55 एम.एल.डी. क्षमता की एस.टी.पी. योजना को जल्द ही पूरा कराया जाए। इसी प्रकार, वाराणसी में 01 नॉन कम्प्लाएन्ट एस0टी0पी0 का रेलवे के सहयोग से अपग्रेडेशन समयबद्ध ढंग से पूरा कराए।
सीएम योगी ने आगे कहा कि कानपुर में उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के अधीन बनियापुर एस.टी.पी. को चालू कराया जाए। नॉन कम्प्लाएंट 04 एस.टी.पी. को तत्काल क्रियाशील कराएं। सीएम ने आगे कहा कि नदियों की स्वच्छता बिना जनसहयोग से संभव नहीं है। लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए। साथ शव को नदियों में प्रवाहित करने के बजाय भू-समाधि लिए प्रेरित किया जाए।
लखनऊ से संवाददाता सुमित श्रीवास्तव की रिपोर्ट।