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सीएम योगी ने राज्य कर विभाग की समीक्षा की, रेवेन्यू कलेक्शन के लिए दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में 3.43 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए, जबकि वर्ष 2023-24 में अप्रैल से जुलाई तक एक लाख नए रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। पंजीयन आधार को अधिकाधिक बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखा जाए।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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सीएम योगी ने राज्य कर विभाग की समीक्षा की, रेवेन्यू कलेक्शन के लिए दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। जिसमें उन्होंने राज्य कर विभाग की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व संग्रह अभिवृद्धि के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि समेकित प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी/वैट संग्रह में सतत बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्ष 2021-22 में 98,107 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ। जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,07,406 करोड़ रुपये हो गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी संग्रह हो चुका है।

उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड राजस्व संग्रह अब तक के प्रयासों को सही दिशा होने की पुष्टि करते हैं। वर्ष 2023-24 के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि डीलर बेस में वृद्धि के लिए राज्य कर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश में जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या देश में सबसे अधिक है। जीएसटी पंजीयन के लिए किए जा रहे जागरूकता प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में 3.43 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए, जबकि वर्ष 2023-24 में अप्रैल से जुलाई तक एक लाख नए रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। पंजीयन आधार को अधिकाधिक बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखा जाए। सीएम योगी ने कहा कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करना हर व्यापारी का कर्तव्य है। यह सुखद है कि उत्तर प्रदेश रिटर्न दाखिल करने में देश में अग्रणी राज्यों में है। रिटर्न दाखिल होने की देय तिथि के बाद नॉनफाइलर की टर्नओवर नियमित समीक्षा से रिटर्न दाखिला 95 प्रतिशत से अधिक हो गया है। व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के बारे में विधिवत प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

सीएम योगी ने कहा कि जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डेटा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इनका आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से डेटा विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। वाणिज्य कर अधिकारी से लेकर ज्वाइंट कमिश्नर स्तर तक के अधिकारियों के कार्य एवं संग्रह की समीक्षा की जाए। राजस्व संग्रह की खंडवार समीक्षा कराई जाए। अधिकारियों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी ग्रेडिंग करें और उसी के अनुरूप उनकी पदोन्नति/पदस्थापना की जाए।

सीएम योगी ने कहा कि टैक्स ईवेशन की दृष्टि से संवेदनशील वस्तुओं के लिए क्षेत्रवार रणनीति बनाएं। राजस्व क्षरण को रोकने के लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्टैडंर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किया जाए। इस प्रकार नियोजित प्रयासों से कर चोरी पर रोक लगाने में सफलता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारियों के कल्याण के लिए संकल्पित है। व्यापारियों को दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। दुर्घटना में व्यापारी की मृत्यु होने पर परिवार को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना के पात्र हर व्यापारी/परिजन के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ योजना का लाभ दिलाया जाए।

सीएम ने कहा कि राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। टैक्स ईवेशन या टैक्स चोरी रोकने के लिए सर्वे या फिर छापा मारने वाली टीम में दक्ष और कर्मठ अधिकारियों और कार्मिकों को शामिल किया जाए। ऐसी कार्यवाही की सफलता के लिए गोपनीयता के प्रति सतर्क रहें। कर प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए प्रदेश में अपनायी गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित रिटर्न स्क्रूटनी आज विभिन्न राज्यों के लिए मॉडल बन गई है। ऐसे इनेवेशन आगे भी किए जाएं।

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