लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में नगर विकास विभाग के कार्यां की समीक्षा की तथा भावी कार्ययोजनाओं पर विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ ईंधन वाली बसों को नगरीय परिवहन में प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। वर्तमान में 15 नगरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। यह सुनिश्चित किया जाए कि 15 वर्ष से अधिक समय तक किसी भी डीजल व सी.एन.जी. बसों का उपयोग न हो। इन्हें स्क्रैप कराया जाए। इनके स्थान पर ई-बसें लाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिटी बस सेवा में निजी ई-बस संचालकों को भी अवसर दिया जाना चाहिए। व्यापक जनहित के दृष्टिगत इनका किराया रेगुलेट किया जाना चाहिए। इनके पार्किंग की जगह तय हो, रूट तय हों। इन निजी ई-बसों को समीपस्थ कस्बों से कनेक्ट किया जाए। नगरीय परिवहन में यह अच्छा प्रयास हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों में वाहन पार्किंग दिनों-दिन चुनौती बनती जा रही है। पार्किंग को मांग, स्थान और समय के अनुरूप व्यवस्थित किये जाने की आवश्यकता है। शुल्क में समरूपता होनी चाहिए। स्थानीय व्यापारियों, दुकानों, कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों आदि का मासिक पास बनाया जाए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करायें की प्रदेश में कहीं भी पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली न होने पाए।
नगरों में विज्ञापन होर्डिंग लगाए जाने में एकरूपता हो। खतरनाक होर्डिंग्स के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड को वरीयता दें। अवैध होर्डिंग्स को तत्काल हटवाएं। सभी नगरीय निकायों के लिए सुस्पष्ट नियामवली होनी चाहिए। यह नगरीय निकायों की आय का अच्छा माध्यम भी बनेगा। यह सुनिश्चित करायें कि विज्ञापन होर्डिंग किसी महापुरुष की प्रतिमा/चित्र को विकृत न करता हो।
सीएम योगी ने कहा कि नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों, नगर पंचायतों में अचल सम्पत्तियों के नामांतरण, पंजीयन, वसीयत आदि प्रकरणों में नगर निकायों में लिए जाने वाले शुल्क में एकरूपता नहीं है। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि सभी नगर निकायों में एक समान प्रक्रिया और एक समान शुल्क प्रभावी हो।
राज्य सरकार ने सभी जिला मुख्यालय वाले नगरीय निकायों को स्मार्ट नगर पालिका परिषद के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनाई है। स्मार्ट नगर पालिका परिषदों में डिजिटल गवर्नेंस, वैल्यू एडेड सिटिजन सर्विस-वायु और जल प्रदूषण की मॉनीटरिंग, जल भराव की समस्या की मॉनीटरिंग, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट लाइट मैनेजमेन्ट, प्रदर्शनी स्थल, ऑडिटोरियम, वेंडिंग जोन, डिजिटल लाइब्रेरी, नवीकरणीय ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन जैसे ईज ऑफ लिविंग के दृष्टिगत उपयोगी कार्य होंगे। इन निकायों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो। इस सम्बन्ध में बजट आवंटित किया गया है। विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में वेस्ट मैटेरियल से तैयार शिवालिक पार्क श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यह एक अच्छा मॉडल बना है। इसी तर्ज पर नगर के वेस्ट और धातु अपशिष्ट का सदुपयोग करते हुए मथुरा-वृंदावन नगर निगम सीमा में भव्य ‘कृष्ण लोक’ पार्क तथा अयोध्या में ‘लव कुश पार्क एवं श्रीपुरुषोत्तम दर्शन अनुभव केन्द्र’ तैयार किया जाना चाहिए। यहां भगवान राम, भगवान कृष्ण तथा लव कुश के जीवन चरित्र से जुड़ी कथाओं को दर्शाया जाए। 3-डी इंटरैक्टिव मॉडल, लाइट एन्ड साउण्ड शो हां। यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र बनेंगे।
नगर निकायों में मैनपावर की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां कहीं पद रिक्त हैं, तत्काल भर्ती की कार्यवाही करें। जहां आउटसोर्सिंग से तैनाती होनी हो, बिना विलम्ब प्रक्रिया पूरी करें। सभी नगर निकायों को अपनी आय बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास भी करने होंगे। लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा नगर निगम के बाद अब इसी माह वाराणसी और प्रयागराज नगर निगम द्वारा म्युनिसिपल बॉण्ड जारी किया जाने वाला है। इसी वित्तीय वर्ष में गोरखपुर, मेरठ और कानपुर नगर निगमों द्वारा म्युनिसिपल बॉण्ड जारी करने की तैयारी करें।
सीएम योगी ने कहा कि बरसात प्रारम्भ होने से पूर्व सभी नगरीय निकायों में ड्रेनेज व्यवस्था को बेहतर कर लिया जाए। कहीं भी जलभराव न हो, इसके लिए समय से तैयारी कर लें। आवश्यकतानुसार नए नाले भी बनाएं। स्ट्रीट डॉग के काटने की समस्या गम्भीर होती जा रही है। इसका स्थायी समाधान किया जाना चाहिए।