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Lko News: SGPGI के 41वें स्थापना दिवस में बोले सीएम योगी- जिसके बारे में हमने सोचा नहीं वह सुविधा यहां

लखनऊ में स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में 41वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Lko News: SGPGI के 41वें स्थापना दिवस में बोले सीएम योगी- जिसके बारे में हमने सोचा नहीं वह सुविधा यहां

लखनऊ में स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में 41वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। उनके साथ मंच पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद थे।

सीएम योगी ने SGPGI के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए उन्हें एक दार्शनिक की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि जीत की तैयारी इतने धैर्य से करें कि आपकी सफलता चारों ओर शोर मचा दे।

बता दें कि फाउंडेशन डे के आयोजन के दौरान विशाखापट्टनम की गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की वाइस चांसलर प्रो. डॉ. गीतांजलि बैटमैन बाने भी शामिल हुईं। वहीं आज स्थापना दिवस पर 19 फैकल्टी मेंबर्स को साथ ही 24 स्टूडेंट्स को बेस्ट रिसर्च और परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया गया।

बिना शोर और गुल के SGPGI ऊंचाई को छूटा है

सीएम योगी ने संबोधित करते हुए कहा कि- उत्तर प्रदेश जैसे देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में स्वास्थ्य का मानक क्या होना चाहिए। मेडिकल एजुकेशन का स्टैंडर्ड क्या होना चाहिए। यह न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि उत्तर भारत में अब SGPGI तय करता है। SGPGI बिना शोर गुल, बिना हो हल्ला के अपने यात्रा को ऊंचाई तक पहुंचाता है।

कोरोना के दौरान 36 जनपदों में नहीं थे ICU बेड

सीएम योगी ने कहा कि जब कोरोना वायरस यूपी में आया तब प्रदेश में सर्वे कराया। वहां हमने पाया कि 36 जनपद ऐसे थे जहां ICU का एक भी बेड नहीं था। तब यहां के निदेशक ने सुझाव दिया था कि हम लोग डेली ईसीयू प्रारंभ कर सकते हैं। SGPGI ने पूरी शालीनता के साथ प्रदेश में वर्चुअल आईसीयू प्रारंभ किया था। 75 के 75 जनपदों में हजारों लोगों की जान को बचाने में इससे मदद मिली थी।

देश का यह पहला चिकित्सा संस्थान, जिसे 500 करोड़ की धनराशि मिली

सीएम योगी ने कहा कि देश का यह पहला चिकित्सा संस्थान है। जिसे 500 करोड़ की धनराशि मिली है। इसमें सलोनी फाउंडेशन के अलावा रैन बसेरा के लिए भी फंड है। अभी तक रोबोटिक का ही उपयोग किया जाता था। लेकिन अब हेल्थ को AI टेक्नोलॉजी से जोड़ कर SGPGI को आगे बढ़ाना है।

डॉक्टर तीन गुना रफ्तार से करें काम

हर मरीज चाहता है कि उसे अच्छी सुविधा मिले। मैं चाहूंगा कि अभी डॉक्टरों की जो स्पीड है। उसे हम तीन गुना करें। आपको जो संसाधन चाहिए सरकार उसे उपलब्ध कराएगी। इसके लिए आपको स्वयं समय देना होगा। मुझे लगता है अगर आप एक दिन में 10 मरीज देखते हैं तो यह स्पीड 25 से 30 कर दें ऐसे में आपको 25-30 लोग डिफरेंट कैटिगरी के मिलेंगे। उनका रहन-सहन उनके खान-पान उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, उनका एक्सपीरियंस सब समझने के बाद बता सकते हैं कि इसका क्या होना है। ऐसा मुझे लगता है कि आपके पास यह बहुत बड़ा अनुभव का खजाना हो सकता है। इसको लेकर के हमें प्रयास करना चाहिए। इससे यहां भर्ती होने वाले पेशेंट की हम संख्या में वृद्धि कर सकते हैं।

देश का पहला संस्थान जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले- योगी

जिस काम के बारे में हम सोचते तक नहीं थे, वह डिपार्टमेंट यहां खुल रहे हैं। मिशन मोड पर काम हो रहा है। SGPGI में जो कुछ भी नया हो सकता है उसके लिए हमें पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा। देश का यह पहला संस्थान हैं जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले हैं।

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