UP News: यूपी सरकार प्रदेश भर के सभी जिलों में तैनात ट्रैफिक कर्मियों के लिए एसी हेलमेट वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम योगी यूपी के 112 पीआरवी को अत्याधुनिक बनाने के दूसरे फेज का फ्लैगऑफ भी करेंगे। इस आयोजन में प्रशांत कुमार सहित कई सीनियर अधिकारी भी सम्मिलित होंगे।
गौरतलब है कि यूपी में सबसे पहले कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने चौराहों पर ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक कर्मियों को ट्रायल के अंतर्गत गर्मी, बारिश और धूप से बचाने के लिए एसी हेलमेट तैयार किया था। जिसके बाद लखनऊ में भी इस हेलमेट का ट्रायल किया गया था। जो कि काफी हद तक सफल भी रहा। ट्रैफिक कर्मियों ने बताया कि इससे उन्हें काफी हद तक राहत मिली।
आज का दिन यूपी पुलिस के लिए विशेष
इस आयोजन पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि आज का दिन यूपी पुलिस के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज हमारी क्विक रिस्पांस 112 को आध्यात्मिक उपकरण से लैस पीआरवी वैन मिल रही है। 28000 इवेंट प्रतिदिन यूपी मे बन रहे है। PRV(Pressure Reducing Valve) 112 अत्याधुनिक उपकारणों से लैस किया गया है।
15 अतरिक्त विभागों के साथ एकीकरणों का काम हो रहा है, जिससे UP मे 112 की सेवा का विस्तार होगा। एक ही प्लेटफार्म पर आपतकाल सुविधा का लाभ जनता को मिल पाएगा। इसी के साथ नागरिकों का पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ा है।
वातानुकूलित हेलमेट की खासियत
वातानुकूलित हेलमेट को एक बार चार्ज करने के बाद करीब 8 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इस हेलमेट में जहां मोटर लगी है, वहीं सिर के समीप पंखा भी लगा है और आंखों को कवर किया गया है। फिलहाल 12-16 हजार रुपए के बीच इस एसी हेलमेट की कीमत रखी गई है।
सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में उपयोगी
इस हेलमेट का उपयोग सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम में हो सकता है। जिसमें एक बैटरी लगी है और एक बार चार्ज करने पर यह 8 घंटे तक चलेगी। जो कि आराम से 2 से 3 साल तक चलेगी।
द्वितीय चरण में पीआरवी को विशेषताएं…
• पीआरवी की संख्या में 30 फीसद वृद्धि
• सभी पीआरवी पर पुलिसकर्मी के लिए बॉडी वार्न कैमरे
• पीआरवी पर पीटीजेड कैमरे
• सभी 75 जनपदों के अग्निशमन थानों पर नियंत्रण कक्ष
• 1100 अग्निशमन वाहनों पर एमडीटी
• महिलाओं की सुविधा हेतु महिला पीआरवी
• कॉल सेवाओं को किया गया और बेहतर
• कॉल टेकर्स की संख्या में 22% वृद्धि
• 51% अधिक नागरिकों को आपात सहायता
• कॉल्स रिसीव करने की क्षमता में 100% की वृद्धि
• अधिक कॉल प्राप्त करने के लिए एसआईपी तकनीक
विशेष तकनीक हो रहा उपयोग
• सभी पीआरवी पर जीपीएस उपकरण एवं ऑनलाइन मैप की सुविधा
• कॉलर की सटीक लोकेशन के लिए ईएलएस तकनीक का उपयोग
• कॉलर द्वारा पीआरवी की लाइव ट्रैकिंग
• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट सेवाएं उपलब्ध
• 24 विभिन्न एजेंसियों के साथ एकीकरण
• मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट व वीडियो मैनेजमेंट सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीक का प्रयोग
कॉलर की गोपनीयता पर विशेष ध्यान
• कॉलर के अनुरोध पर उनके एवं पीआरवी के मोबाइल नंबरों की मास्किंग