उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में अपने संबोधन के दौरान संसदीय मर्यादा और स्वस्थ विचार-विमर्श पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अपने विचारों को मर्यादा में रहकर रखना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने सदन में चर्चा में भाग लिया और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया।
महाकुंभ: विश्व स्तर पर सनातन संस्कृति की पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है और महाकुंभ पूरी दुनिया के मन-मस्तिष्क पर अपनी छाप छोड़ने वाला आयोजन बन चुका है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ पर वही चर्चा कर सकता है जिसने इसे अनुभव किया हो। जो लोग इसमें शामिल नहीं हुए, वे केवल अनर्गल प्रलाप कर सकते हैं। लेकिन हम अपने दायित्व को समझते हुए इसे सफल बनाने में जुटे रहे।” उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के गीता में दिए गए उपदेश का संदर्भ देते हुए कहा, “जो व्यक्ति मुझे जिस रूप में स्मरण करता है, मैं उसे उसी रूप में दिखाई देता हूँ।”
महाकुंभ को वैश्विक मीडिया ने सराहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहला महाकुंभ है जिसे पूरी दुनिया की मीडिया ने सकारात्मक रूप से कवर किया। इस महाकुंभ में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, यह आयोजन पूरी तरह सामाजिक सौहार्द और अनुशासन का उदाहरण बना। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने रिकॉर्ड श्रद्धालु पहली बार महाकुंभ में आए, जिससे दुनिया को सनातन धर्म की एकता का अहसास हुआ।
गंगा की अविरलता पर उठाए गए सवालों को लेकर उन्होंने कहा कि 2014 से पहले उत्तर प्रदेश में गंगा 1000 किमी तक बहती थी, लेकिन उसकी स्थिति बदहाल थी। अब गंगा की निर्मलता और अविरलता का संदेश पूरे विश्व तक पहुंचा है।
प्रयागराज और काशी के नागरिकों को धन्यवाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज और आसपास के जिलों के नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अतिथि भाव का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। 100 से अधिक देशों के श्रद्धालु और पर्यटक महाकुंभ में शामिल हुए, और प्रयागराज के लोगों ने अतिथि देवो भवः की भावना से उनका स्वागत किया।
महाकुंभ ने दिया आर्थिक उन्नति का नया आयाम
CM योगी ने महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पीडीए (Prayagraj Development Authority) की बजाय नाविकों की मेहनत की चर्चा होनी चाहिए। एक नाविक ने इस आयोजन में 30 करोड़ रुपये की कमाई की और प्रतिदिन 50,000 रुपये से अधिक अर्जित किए। यह उदाहरण दर्शाता है कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों से स्थानीय स्तर पर आर्थिक उन्नति भी होती है।