1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP News: सीएम योगी का फैसला, शोधार्थियों को क्षेत्र भ्रमर के लिए प्रतिमाह दिए जाएंगे 40 हजार रुपये, 31 अगस्त तक है मौका

UP News: सीएम योगी का फैसला, शोधार्थियों को क्षेत्र भ्रमर के लिए प्रतिमाह दिए जाएंगे 40 हजार रुपये, 31 अगस्त तक है मौका

यदि आप भी शोधार्थी हैं और क्षेत्र भ्रमर करते हैं तो ऐसे में आपके लिए खुशखबरी है। बता दें कि सीएम योगी ने मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप के तहत प्रतिमाह 40 हजार रुपये क्षेत्र भ्रमर करने वाले शोधार्थियों को देने का फैंसला किया है। इसके लिए आवेदन करते हुए मान्यता प्राप्त संस्थान और विश्वविद्यालयों से कम-से-कम 60 फीसद अंक व स्नातक और उच्च शैक्षणिक योग्यता होना अनिवार्य है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
UP News: सीएम योगी का फैसला, शोधार्थियों को क्षेत्र भ्रमर के लिए प्रतिमाह दिए जाएंगे 40 हजार रुपये, 31 अगस्त तक है मौका

यदि आप भी शोधार्थी हैं और क्षेत्र भ्रमर करते हैं तो ऐसे में आपके लिए खुशखबरी है। बता दें कि सीएम योगी ने मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप के तहत प्रतिमाह 40 हजार रुपये क्षेत्र भ्रमर करने वाले शोधार्थियों को देने का फैंसला किया है। इसके लिए आवेदन करते हुए मान्यता प्राप्त संस्थान और विश्वविद्यालयों से कम-से-कम 60 फीसद अंक व स्नातक और उच्च शैक्षणिक योग्यता होना अनिवार्य है।

बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए-हॉस्पिटैलिटी टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीजी डिप्लोमा-ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन व पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा धारण करने वाले अभ्यर्थी को सबसे पहले वरीयता दी जाएगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के आवेदन की अंतिम तारीख 31 अगस्त है। इसके लिए 40 साल तक की उम्र वाले स्नातक बी आवेदन कर सकते हैं। वहीं शोधार्थियों को पारिश्रमिक व क्षेत्र भ्रमण के लिए प्रति माह 40 हजार रुपये देने के प्रावधान किए गए हैं। इस माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने में सहयोग मिलेगा, वहीं युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे।

इस वेबसाइट से करें आवेदन

पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इच्छुक अभ्यर्थी विभाग की वेबसाइट uptourism.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पर आवेदन के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों या विश्वविद्यालयों से न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व उच्च शैक्षणिक योग्यता का होना अनिवार्य है। बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए-हॉस्पिटैलिटी टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीजी डिप्लोमा-ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन व पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा धारक को वरीयता दी जाएगी।

चयनित शोधार्थी की संबद्धता एक साल तक बनी रहेगी। इसे एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि फेलोशिप का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व पारिस्थितिकी से जुड़े स्थलों का सतत विकास करना है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...