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महिला विधायकों का सम्मेलन: सीएम योगी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ, लोकतंत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

कानपुर में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट एसोसिएशन (सीपीए) के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधान मंडल द्वारा आयोजित महिला सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर किया। उत्तर प्रदेश में महिला विधायकों की बढ़ती भूमिका और सशक्तिकरण के उद्देश्य से आयोजित महिला विधायकों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने महिलाओं के लिए किए गए प्रयासों और सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए महिलाओं को लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में महिला प्रतिनिधित्व धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में विधानसभा में 48 महिला विधायक हैं। 22 सितंबर 2022 को महिला विधायकों के विशेष सत्र में 47 महिला विधायकों में से 38 ने महिला अधिकार, रोजगार, शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे।

सीएम योगी का संबोधन: महिला सशक्तिकरण को मिली नई दिशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ई-विधानसभा की उपलब्धि: उत्तर प्रदेश विधानसभा अब पेपरलेस हो गई है, जो देश में नंबर वन है।

महिलाओं की भागीदारी पर जोर: सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला विधायकों की संख्या 15% और उत्तराखंड में 10% है। यह दर्शाता है कि भारत में महिला सशक्तिकरण तेजी से बढ़ रहा है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: सीएम योगी ने बताया कि 1952 में भारत में पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से मतदान का अधिकार दिया गया, जबकि इंग्लैंड और कई अन्य देशों में महिलाओं को बाद में यह अधिकार मिला।

शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं में सुधार: मुख्यमंत्री ने साझा किया कि सरकार ने 1.91 करोड़ बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म और जूते-चप्पल प्रदान किए। इसके साथ ही ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया।

महिला कल्याण के लिए सरकार की योजनाएं

शौचालय निर्माण: हर घर में शौचालय बनवाए गए।

जमीन पर अधिकार: महिलाओं को जमीन में अधिकार देकर सशक्त किया गया।

रसोई गैस कनेक्शन: उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए।

आयुष्मान भारत: महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए।

नारी शक्ति अधिनियम: एक तिहाई विधानसभा में महिलाओं के नेतृत्व का लक्ष्य 2029 तक निर्धारित किया गया है।

महिला विधायकों की प्रतिक्रियाएं और विचार

पूर्व कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य: उन्होंने भारत की प्राचीन परंपराओं में महिलाओं के नेतृत्व का उल्लेख किया और कहा कि नीतिगत निर्णयों में महिलाओं का योगदान बढ़ाने की जरूरत है। भाजपा विधायक नीलिमा कटियार: उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिलेगी और नारी शक्ति वंदन कानून को प्रभावी बनाने की नींव रखी जाएगी।

सपा विधायक नसीम सोलंकी: उन्होंने महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और महंगाई को प्रमुख मुद्दे बताते हुए कहा कि महिला विधायकों को इन पर काम करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस समय 48 महिला विधायक हैं। पहली विधानसभा में केवल 11 महिला सदस्य थीं, जबकि वर्तमान 18वीं विधानसभा में यह संख्या 48 तक पहुंच गई है।

महिलाओं के लिए विशेष सत्र: एक नई पहल
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि महिला विधायकों के विशेष सत्र ने न केवल उनकी वाक्पटुता और राजनीतिक कौशल को उजागर किया, बल्कि उनकी संवेदनशीलता और समस्याओं को हल करने की प्रतिबद्धता भी स्पष्ट की।

महिला नेतृत्व: भविष्य की ओर एक कदम

महिलाओं का सशक्तिकरण न केवल राजनीति बल्कि समाज के हर क्षेत्र में जरूरी है। इस सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि जब महिलाओं को समान अवसर मिलते हैं, तो वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।

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