लखनऊ में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सरकार की ओर से बताया गया कि उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों में से 14,000 हेक्टेयर भूमि में 11,000 हेक्टेयर सरकारी है। सरकार ने बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या के बहू बेगम मकबरे को वक्फ संपत्ति नहीं माना।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का विरोध
सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद इस पर भड़क गए। उन्होंने कहा, “जहां हमारे पुरखों का कब्रिस्तान है, उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जा रहा। सदियों से जहां नमाज अदा की जा रही है, उसे मस्जिद मानने से इनकार किया जा रहा है। यह वक्फ संपत्तियों को हड़पने और बर्बाद करने की साजिश है।”
बैठक में कौन-कौन शामिल हुए?
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, असदुद्दीन ओवैसी, अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, राज्य मंत्री दानिश आजाद, जेपीसी सदस्य बृजलाल समेत कई अधिकारी और बुद्धिजीवी बैठक में शामिल हुए। बैठक दो चरणों में हुई। पहले चरण की बैठक सुबह 10:30 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे तक चली। दूसरे चरण में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सरकार और वक्फ बोर्ड की दलीलें
बैठक में एपीसी मोनिका एस गर्ग, प्रमुख सचिव पी गुरु प्रसाद, और चकबंदी आयुक्त ने सरकार की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किए। दूसरी ओर, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इन आंकड़ों का विरोध करते हुए अपनी दलीलें दीं।
संपत्तियों के आंकड़ों पर सवाल
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा, “अल्पसंख्यक विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों पर जेपीसी ने सवाल उठाए। यह स्पष्ट नहीं है कि संपत्तियों का डाटा कहां से आया। सरकार का दावा है कि छोटा और बड़ा इमामबाड़ा वक्फ संपत्ति नहीं हैं, जो पूरी तरह गलत है।”
वक्फ संशोधन विधेयक पर प्रतिक्रिया
अल्पसंख्यक राज्य मंत्री दानिश आजाद ने कहा, “यह बैठक महत्वपूर्ण है। हमारा उद्देश्य अल्पसंख्यकों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए हम चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काम हो।”
मौलाना खालिद रशीद का बयान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद ने कहा, “हमने जेपीसी के सामने अपनी बात रखी है। हमें भरोसा है कि हमारी राय पर विचार किया जाएगा।”
ओमप्रकाश राजभर ने क्या कहा?
बैठक से बाहर निकलते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “वक्फ संपत्तियों का सर्वे पूरे देश में किया गया है। सरकार की मंशा है कि इन संपत्तियों का सही उपयोग गरीबों और महिलाओं के लाभ के लिए हो।”
वक्फ संपत्तियों पर बड़ा विवाद
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह विधेयक मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश है। यह केवल वक्फ संपत्तियों को हड़पने का प्रयास है। इससे प्राचीन मंदिर और मठ भी प्रभावित होंगे।”
जेपीसी की इस बैठक के बाद वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। सरकार और वक्फ बोर्ड के बीच चल रहे इस विवाद ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और संपत्तियों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।