नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात को सुगम बनाने के लिए दो नए अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। ये अंडरपास झट्टा (16.900 किमी चैनेज) और सुल्तानपुर (6.10 किमी चैनेज) के पास बनाए जाएंगे। इस परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण के सिविल विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है।
निर्माण कार्य के लिए इच्छुक कंपनियां 18 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं, जबकि 19 फरवरी को बिड खोली जाएगी। इस परियोजना से 27 सेक्टरों और 20 गांवों के निवासियों को फायदा होगा। इससे पहले भी एक्सप्रेसवे पर तीन अंडरपास बनाए जा चुके हैं।
1. झट्टा के पास (16.900 किमी चैनेज पर)
2. सुल्तानपुर के पास (6.10 किमी चैनेज पर)
नई तकनीक से होगा अंडरपास निर्माण
इस बार अंडरपास निर्माण के लिए डायाफ्राम तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले 2020 के बाद बने अंडरपासों में बॉक्स पुशिंग तकनीक का उपयोग किया गया था, लेकिन इससे सड़क धंसने की समस्या सामने आई थी। इसी वजह से डायाफ्राम तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया गया है।
डायाफ्राम तकनीक के फायदे:
यातायात पर पड़ेगा असर
निर्माण कार्य के दौरान कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित रहेगा। नोएडा प्राधिकरण द्वारा ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए विकल्प तैयार किए जा रहे हैं| नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बन रहे ये दो अंडरपास यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे और आसपास के सेक्टरों और गांवों के लोगों को आसान कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। प्राधिकरण द्वारा नई तकनीक के इस्तेमाल से निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी, जिससे भविष्य में किसी भी तरह की समस्या नहीं आएगी।