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Bijnaur News: किरतपुर ब्लॉक के एक गांव में कागजों में विकास कार्य दिखाकर जमकर हो रहा भ्रष्टाचार!

बिजनौर जनपद के ग्राम पंचायत शाह अलीपुर अब्दुल सत्तार के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 2015 में तत्कालीन ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों को सिर्फ कागजों में दिखाकर लाखों रुपए का वारा न्यारा कर दिया गया। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से भी की है। जिस पर जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं।

पूरा मामला जनपद बिजनौर के किरतपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत शाहअलीपुर अब्दुल सत्तरा उर्फ मदनपुर का है। जहां ग्रामीणों ने 2015 में तत्कालीन ग्राम प्रधान रघुनाथ सिंह और पंचायत सचिव महेश कुमार के खिलाफ ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और विकास कार्यों में लीपापोती करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों ने मिलकर शासन और पंचायती राज विभाग को लाखों रुपए का चूना लगा दिया।

10 मूल बिंदुओ में नाली, सड़क, खड़ंजों में दोबारा कार्य दिखाकर विभाग को गुमराह करने के गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लेकर डीसी मनरेगा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जांच अधिकारी डीसी मनरेगा आरबी यादव ने ग्राम पंचायत मदनपुर पहुंचकर शिकायतकर्ता और ग्रामीणों की मौजूदगी में जांच शुरू की।

जांच के दौरान विद्यालय की क्षतिग्रस्त दीवार और ग्रामीणों द्वारा गंदगी और पराली रखने पर नाराजगी जताई और ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही आरोपी पूर्व प्रधान और सचिव के कार्यों की जांच कर सभी मूल बिंदुओ पर तकनीकी जांच अधिकारी द्वारा कार्यों परीक्षण के बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट दी जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है हालांकि इस मामले में ग्रामीणों की शिकायत पर जांच शुरू हो गई है। लेकिन सवाल इस बात का है कि 2015 में किए गए भ्रष्टाचार पर पहले किसी ने क्यों नहीं ध्यान दिया। ऐसे न जाने कितने गांव होंगे जहां पर जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है और कोई पूछने वाला नहीं है।

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