गोरखपुरः विश्व में ऐतिहासिक महत्व के लिए विख्यात गोरखपुर में देश की सबसे बड़ी आध्यात्मिक लाइब्रेरी खुलने जा रही है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। देश की सबसे बड़ी आध्यात्मिक लाइब्रेरी में नाथपंथ के अलावा भगवान बुद्ध एवं संतकबीर के जीवन दर्शन और इतिहास के बारे में छात्र-छात्राएं व आमलोग जानकारी हासिल कर सकेंगे। इस लाइब्रेरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। गोरखपुर में विश्व प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के अलावा विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस भी है। गोरखपुर नाथ पंथ की धरती है। संत कबीर ने पड़ोसी जिले संतकबीरनगर के मगहर में शरीर त्याग किया। दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाने वाले गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर जिले में है।
पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से गोरखपुर एक आकर्षण का केंद्र हो सकता है। इसीलिए यहां के कन्वेंशन सेंटर की परियोजना में भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया गया है। इस आध्यात्मिक पुस्तकालय को बनाने में 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें सारी व्यवस्था और सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस अध्यात्मिक पुस्तकालय में आने वाले हर व्यक्ति के लिए पुस्तक और डिजिटल रूप में दोनों में अध्यात्म की जानकारी मौजूद होगी। इसके अंदर भारतीय संस्कृति, नाथ पंथ, कबीर पंथ एवं हिंदुत्व आदि के बारे में पर्याप्त सामग्री उपलब्ध रहेगी।
इस संबंध में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि गोरखपुर में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। यह शहर आध्यात्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां बड़ा आध्यात्मिक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा। फाइव स्टार होटल और अन्य सुविधाएं भी होंगी। जीडीए जल्द ही इस पर काम शुरू करेगा। विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर का हिस्सा आध्यात्मिक पुस्तकालय भी है। जहां पर आध्यात्म से जुड़ी किताबें विभिन्न माध्यमों के जरिए उपलब्ध होंगी।
गोरखपुर से ब्यूरोचीफ प्रदीप आनंद श्रीवास्तव की रिपोर्ट