प्रयागराज: आज माघ मेले का पहला स्नान जिसे हम मकर संक्रांति का पर्व कहते हैं मनाया जा रहा है। इस मौके पर संगम की नगरी प्रयागराज में आस्था का बवंडल उमड़ आया है। बता दें कि देर रात से ही श्रद्धालु स्नान करने के लिए संगम तट पर पहुंचने लगे थे और सुबह 5 बजे से पहले ही संगम घाट पर स्नान दान शुरू हो गया था। स्नान करते हुए श्रद्धालु हर-हर गंगे माँ का उद्घोष करते हुए स्नान किया जिससे पूरा माहौल भक्तिमय रंग में रंग गया है।
भीड़ को ध्यान में रखते हुए 8 घाटों का निर्माण
प्रशासम ने भीड़ को देखते हुए स्नान के लिए 8 घाट बनाए गए हैं। कल यानि रविवार को 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। वहीं आज इस मंगल समय पर यह आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच सकने का अनुमान है। फिलहाल, एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम को लेकर पूरे मेले के चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। बता दें कि करीब 35,000 पुलिसकर्मियों को यहाँ की सुरक्षा के लिए लगाया गया है।
वाराणसी से लेकर सरयू तक मकर संक्रांति की धूम
वाराणसी में भी मकर संक्रांति को लेकर चारों तरफ धूम मची हुई है। यहां 84 घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। अयोध्या में सुबह से ही लोग सरयू में स्नान-दान कर रहे हैं। इसके बाद मंदिरों में दर्शन करने जा रहे हैं। सुबह से करीब 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
खिचड़ी चढ़ाकर मकर संक्रांति की शुरुआत की सीएम योगी ने
गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह खिचड़ी चढ़ाकर मकर संक्रांति की शुरुआत की। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर परंपरागत पूजा की है। इसके बाद गोरक्षपीठ और नेपाल नरेश की ओर से भेजी गई खिचड़ी भी उन्होंने चढ़ाई। इसके बाद आम श्रद्धालुओं का खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया। इसी के साथ सवा महीने तक चलने वाले गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेला का शुभारंभ भी हो गया।
शाम 5 बजे तक चलेगा स्नान
मकर संक्रांति का स्नान सोमवार को भोर से शुरू होकर शाम 5.22 बजे तक रहेगा। इस दौरान लोग गंगा, यमुना, संगम सहित अन्य नदियों में स्नान करने का विधान है। इसके बाद तिल, गुड़, चावल, फल, नए वस्त्र सहित अन्य का दान भी आप कर सकते हैं।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति को सूर्य की उपासना का महापर्व कहा जाता है। मकर संक्रांति के साथ ही खरमास की भी आज समाप्त खत्म हो गया है। इस दिन से सूर्यदेव अपने तेज के साथ चलना शुरू करते हैं और मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
मकर संक्रांति को लेकर यह मान्यता है कि सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं। वहीं सूर्य और शनि से संबंधित होने के चलते यह पर्व महत्वपूर्ण बन जाता है। आमतौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है, इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
प्रशासन की तरफ से क्या है सुरक्षा के इंतजाम?
पुलिस और होमगार्ड के करीब 3500 जवानों की तैनाती की गई है। PAC और पैरामिलिट्री का द्वि-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। इसी का साथ ATS, स्नाइपर्स भी तैनात किए गए हैं और बम डिस्पोजल स्क्वायड को भी लगाया गया है। वहीं कोई खतरा उत्पन्न न हो ऐसे में माघ मेला क्षेत्र में स्थित, प्रत्येक संवेदनशील स्थलों पर सघन चेकिंग की जा रही है और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। आपको बता दें कि मेले की महत्वता और 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मेले में कोई गड़बड़ी न हो ऐसे में 30 मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी यहां लगाई गई है।
क्या है मेले में खास व्यवस्था ?
- पूरा मेला क्षेत्र को 5 सेक्टरों में बांटा गया है।
- श्रद्धालुओं के लिए 8 स्नान घाट बनाए गए हैं।
- 786 हेटेक्टर में तबुंओं को शहर बसाया गया है।
- 6 पांटून पुल बनाए गए हैं, ताकि गंगा के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने में श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
- माघ मेले में 2 बड़े यानी 20-20 बेड के अस्पताल बनाए गए हैं। जिसका नाम त्रिवेणी और गंगा है।
- 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, जहां मरीज सामान्य बीमारियों की दवाइयां ले सकता है।
- माघ मेले के लिए 30 एम्बुलेंस को लगाया गया है।
- गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए महिला चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है।
- श्रद्धालुओं 10 अतिरिक्त आज ट्रेनें चलाई गई हैं।
श्रद्धालुओं के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन जारी
श्रद्धालुओं के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001805340 व 18001805350 जारी किए गए हैं। इसके अलावा कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। जिसका नंबर 9454401971 व 05322501040 है। इस पर श्रद्धालु 24 घंटे कॉल कर सकते हैं।
जानिए कब पड़ेंगे प्रमुख स्नान पर्व…
- 15 जनवरी को मकर संक्रांति
- 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा
- 09 फरवरी को मौनी अमावस्या
- 14 फरवरी को बसंत पंचमी
- 24 फरवरी को माघी पूर्णिमा
- 08 मार्च को महा शिवरात्रि स्नान पर्व।
THIS POST IS WRITTEN BY ABHINAV TIWARI