नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगम कनेक्टिविटी और नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए यमुना पुश्ता पर एक एलिवेटेड या ऑनग्राउंड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इस परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी किस एजेंसी को दी जाएगी, इसका अंतिम निर्णय अब शासन स्तर पर होगा।
योजना से जुड़े एक उच्चस्तरीय बोर्ड बैठक में दो प्रमुख विकल्प सुझाए गए हैं:
1. पहला विकल्प: इस एक्सप्रेसवे का निर्माण एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) करे। इसके लिए सिंचाई विभाग से एनओसी लेने के साथ-साथ ट्रैफिक सर्वे, व्यवहार्यता रिपोर्ट और डीपीआर तैयार कर एनएचएआई को सहमत करना होगा।
2. दूसरा विकल्प: अगर NHAI यह निर्माण नहीं करता, तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण मिलकर इसे बनाएंगे।
इन दोनों विकल्पों पर शासन में विचार चल रहा है और जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद परियोजना पर तेजी से काम शुरू होगा।
दिल्ली से एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी
इस प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की विशेषता यह होगी कि यह ओखला बैराज से होते हुए हिंडन नदी और यमुना दोआब क्षेत्र को पार कर यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। छह लेन के एलिवेटेड और आठ लेन के ग्राउंड लेवल रोड से दिल्ली से सीधे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि शासन के निर्णय के अनुसार सभी जरूरी कार्यवाही की जाएगी। ट्रैफिक लोड के हिसाब से यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
योजना की संरचना: कहां-कहां होंगे लूप और अंडरपास
यह एक्सप्रेसवे हिंडन-यमुना दोआब क्षेत्र में दो विशेष कनेक्टिविटी बिंदुओं से लैस होगा:
क्यों जरूरी है यह एक्सप्रेसवे?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार औद्योगिक, वाणिज्यिक और संस्थागत विकास हो रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे, लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के चलते ट्रैफिक दबाव बहुत बढ़ गया है। इसके अलावा, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से ट्रैफिक और अधिक बढ़ेगा। ऐसे में यह एलिवेटेड एक्सप्रेसवे मौजूदा दबाव को कम करने में सहायक होगा।
प्रमुख लाभ: ट्रैफिक कम, कनेक्टिविटी बेहतर, प्रदूषण में राहत