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Mahakumbh Nagar: महाकुंभ में संघ के स्वयंसेवकों के समर्पण और सेवा भाव से अभिभूत हुए श्रद्धालु

प्रयागराज में गत माह प्रारंभ हुए महाकुंभ को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने के लिए सरकार को समाज के हर वर्ग का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Mahakumbh Nagar: महाकुंभ में संघ के स्वयंसेवकों के समर्पण और सेवा भाव से अभिभूत हुए श्रद्धालु

प्रयागराज में गत माह प्रारंभ हुए महाकुंभ को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने के लिए सरकार को समाज के हर वर्ग का भरपूर सहयोग मिल रहा है। अनेक समाजसेवी संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों के लाखों कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रतिदिन पहुंचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ के कुशल प्रबंधन और संगम में उनके लिए सुविधाजनक स्नान सुनिश्चित करने के लिए जिस तरह चौबीसों घंटे समर्पित भाव से जुटे हुए हैं उसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। इसी सराहना के हकदार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वे हजारों स्वयंसेवक भी हैं जिन्हें संघ द्वारा प्रयागराज में संपूर्ण समर्पण एवं निष्ठा के साथ श्रद्धालुओं की सेवा के लिए महाकुंभ मेला स्थल पर तैनात किया गया है।

संघ के सेवाभावी स्वयंसेवक प्रतिदिन देश के कोने कोने से प्रयागराज पहुंचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के महाकुंभ प्रवास को सुगम बनाने में पूरी तन्मयता के साथ प्रशासन का जिस तरह सहयोग कर रहे हैं उससे श्रद्धालुओं का अभिभूत होना स्वाभाविक है लेकिन संघ के सेवाभावी स्वयंसेवकों के प्रति वे जब ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं तो
परन्तु संघ के स्वयंसेवक विनम्रता पूर्वक बस यही कहते हैं कि महाकुंभ में भी वे सेवा की उस महान परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं जिसके लिए संघ को जाना जाता है।

संघ के हजारों स्वयंसेवक महाकुंभ के शुभारंभ के कुछ दिन पूर्व से ही प्रयागराज रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सही सभी प्रवेश द्वारों पर मोर्चा संभाले हुए हैं। महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए नित्य प्रति प्रयागराज पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं का पहले वे विनम्र मुस्कान के साथ अभिवादन करते हुए उनकी कुशल क्षेम पूछ कर उन्हें स्वल्पाहार की सुविधा उपलब्ध कराते हैं और फिर सुगमतापूर्वक घाट तक पहुंचने के लिए सही मार्ग बताते हैं। डुबकी लगाने के बाद जब ये श्रद्धालु वापस लौटते हैं तो संघ के स्वयंसेवक उनके लिए न केवल निशुल्क भोजन की व्यवस्था करते हैं बल्कि उन्हें रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड अथवा नगर के अन्य निर्गम द्वारों तक पहुंचाने का इंतजाम भी करते हैं। प्रयागराज में हजारों की संख्या में मौजूद संघ के स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की निस्वार्थ सेवा की जो मिसाल पेश कर रहे हैं उसकी सर्वत्र सराहना हो रही है।

संघ के कार्यकर्ताओं के द्वारा बुजुर्ग श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। संघ के कार्यकर्ता उन्हें घाट तक पहुंचने के लिए स्कूटी सेवा कराई गई है। जिन बुजुर्ग श्रद्धालुओं को पैदल चलने में कठिनाई महसूस होती है उन्हें संघ के कार्यकर्ता स्कूटी पर बिठा कर न केवल घाट तक पहुंचाते हैं अपितु स्नान के पश्चात् उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन कराकर स्कूटी पर बिठा कर स्टेशन अथवा बस स्टैंड तक भी छोड़ते हैं। इतना ही नहीं,संघ के कार्यकर्ता कुंभ मेला की अपार भीड़ में अपने परिजनों से बिछुड़ गये श्रद्धालुओं को पुनः उनके परिजनों से मिलाने के काम में भी जुटे हुए हैं। इसके लिए संघ के स्वयंसेवकों ने एक व्हाट्स एप ग्रुप बना लिया है जिससे देश भर के स्वयं सेवक जुड़े हुए हैं। जब भी महाकुंभ के जनसैलाब में उन्हें किसी व्यक्ति के अपने परिजनों से बिछुड़ जाने की जानकारी मिलती है वे उस व्यक्ति की फोटो सहित संपूर्ण पते की जानकारी व्हाट्स एप ग्रुप में साझा कर देते हैं। फिर संबंधित जिले और शहर के स्वयं सेवक उस जानकारी के आधार पर उस व्यक्ति के परिजनों को खोज निकालते हैं इस तरह हजारों बिछुडे हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलवाने में संघ के स्वयंसेवकों की अहम भूमिका रही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने महाकुंभ मेला परिसर को पालीथीन और कचरा मुक्त बनाए रखने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रखी है। इसी पुनीत उद्देश्य से संघ के द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षित किए गए गंगा सेवा दूत महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पालीथीन का उपयोग न करने के प्रेरित कर रहे हैं। ये स्वयंसेवक किसी श्रद्धालु के हाथ में पालीथीन का बैग दिखाई पड़ते ही उससे वह पालीथीन लेकर उसे कपड़े का थैला और थाली भेंट करते हैं। महाकुंभ मेला परिसर को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए संघ की इस पहल की सर्वत्र सराहना हो रही है।

गौरतलब है कि संघ ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच वितरित करने के लिए देश भर से थैला और थाली संग्रह अभियान चलाया था जिसमें लोगों ने दिल खोलकर योगदान किया। महाकुंभ में संघ के स्वयंसेवक जिस तरह समर्पण और तन्मयतापूर्वक श्रद्धालुओं की निस्वार्थ सेवा में जुटे हुए हैं उसकी चर्चा केवल प्रयागराज और उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु प्रदेश की सीमाओं के बाहर भी हो रही है। महाकुंभ परिसर में श्रद्धालुओं की हर संभव मदद के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने वाले स्वयंसेवकों ने सेवा, समर्पण और संस्कार की जो मिसाल पेश की है वह अन्य श्रद्धालुओं को इस पुण्य कार्य में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के प्रेरित कर रही है।

(लेखक कृष्णमोहन झा राजनैतिक विश्लेषक हैं)

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