यूपी में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए इस व्यवस्था को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। जिसके तहत पहले दो महीने के लिए इस नियम को स्थगित कर दिया गया है।
आपको बता दें कि यूपी में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का डिजिटल अटेंडेंस लगाने से संबंधित निर्णय को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दियाहै। यह निर्णय मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई शिक्षक संगठनों की बातचीत के बाद जारी किया गया है। वहीं, शिक्षकों की समस्याओं और सुझावों को सुनने व समाधान के लिए एक विशेषज्ञ की समिति भी गठित की जाएगी। जो सभी बिंदुओं पर विचार कर उसमें सुधार के लिए अपने सुझाव सरकार को सौंपेगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों आदेश जारी करते हुए कहा था कि 8 जुलाई से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस लगना शुरू होगी। इसी के साथ स्कूलों के करीब एक दर्जन रजिस्टर भी डिजिटली अपडेट होंगे। जिसके बाद शिक्षकों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए आठ जुलाई से पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन, विरोध करना शुरू कर दिया। सोमवार को भी शिक्षकों ने पूरे यूपी में जिला मुख्यालय व बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए ज्ञापन सौंपा था।
दूसरी ओर, महानिदेशक स्कूल शिक्षा से वार्ता स्थगित होने के बाद मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए लोक भवन में आने को कहा था। इसमें उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अपूर्व दीक्षित आदि शामिल हुए।
वार्ता में शिक्षकों ने व्यवहारिक दिक्कतों के साथ 31 ईएल, हाफडे, मेडिकल सुविधा, पांच दिन लेट लाने पर अनुपस्थित न माने जाने, शिक्षक से डाटा इंट्री का काम न लेने, विभागीय कार्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस लागू करने की मांग उठाई।
मुख्य सचिव ने शिक्षकों की दिक्कतों को देखते हुए डिजिटल अटेंडेंस अगले आदेश तक स्थगित करने की बात कही है। इसके साथ ही शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिए एक विशेषज्ञ समिति को गठित करने का निर्णय भी लिया है। यह कमेटी शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनकर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि इस कमेटी में शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक संघ के प्रतिनिधि, शिक्षाविद शामिल होंगे। समिति सभी आयामों पर विचार करके सुधार के लिए अपने सुझाव सरकार को देगी।
कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा। बैठक में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. शंमुग्गा सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा आदि अधिकारी उपस्थित थे।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही सभी डीएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इससे पहले भी सीएम ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।
परिषदीय विद्यालयों में आठ जुलाई से शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर शिक्षक पिछले एक सप्ताह से आंदोलनरत थे। सोमवार को भी उन्होंने हर जिले में प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजा।
संयुक्त मोर्चा जारी रखेगा आंदोलन, स्थगित नहीं निरस्त हो डिजिटल अटेंडेंस परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस भले ही अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया हो लेकिन शिक्षक संगठन अभी इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने डिजिटल अटेंडेंस का आदेश निरस्त होने, शिक्षामित्रों को समान कार्य, समान वेतन देने आदि मांगें पूरी होने तक अपना आंदोलन पूर्व की भांति जारी रखने का निर्णय लिया है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई बैठक के निर्णय की जानकारी होने पर लखनऊ में संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। इसमें मोर्चे के सभी घटक संगठनों ने शिरकत की। मोर्चा के संयोजक उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा कि शासन ने डिजिटल अटेंडेंस को फिलहाल स्थगित कर दिया है, जो हमारी समस्याओं का स्थायी हल नहीं है। यह क्षणिक जीत है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील पांडेय ने कहा कि शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशकों की समस्याओं के समाधान होने तक मोर्चे के पूर्व घोषित कार्यक्रम यथावत रहेंगे। 29 जुलाई को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया जाएगा। शिक्षामित्र में संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील यादव ने शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान न होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।
इस क्रम में 25 जुलाई को जिलों में प्रदर्शन, 29 जुलाई को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव और पांच सितंबर को लखनऊ में डेरा डालने का निर्णय लिया गया है। बैठक में अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंधु, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी, सुशील पांडेय, रमेश मिश्रा, संतोष तिवारी, विक्रम सिंह, मोहम्मद अशरफ आदि उपस्थित थे। वहीं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने भी आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र कुमार के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास पर मिला। महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में तय हुआ कि फिलहाल डिजिटाइजेशन की वर्तमान प्रक्रिया तत्काल स्थगित की जाती है और एक समिति बनाकर दो माह में कमियों को दूर कर समस्याओं को निस्तारित किया जाएगा।
साथ ही शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाया जाएगा। उनके तबादले पर भी जल्द ही शासन निर्णय लेगा। यह भी तय हुआ कि मान्य शिक्षक संगठनों से भी सुझाव लेकर समिति अपना प्रस्ताव शासन को भेजेगा। मंत्री ने अवगत कराया कि आज सभी शिक्षक संगठनों की लोक भवन में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बैठक में अधिकृत रूप से इससे अवगत कराया जायेगा। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पंवार मौजूद रहे।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. शंमुग्गा सुंदरम ने मुख्य सचिव की वार्ता में बताया कि गोवा, राजस्थान, झारखंड, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध प्रदेश, हिमांचल प्रदेश, तेलंगाना, असम कुल 14 राज्यों में ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था है। यूपी को शिक्षा मंत्रालय को छात्रों, शिक्षकों की उपस्थिति, मिड-डे-मील की सूचना आदि का विवरण प्रतिदिन पोर्टल में देना अनिवार्य है। इसके कारण ऑनलाइन उपस्थिति महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य शिक्षकों का दोष ढूंढना नहीं बल्कि आदतन देर से आने वाले शिक्षकों में सुधार करना है। जो शिक्षक समय से स्कूल आते हैं उन्हें इस व्यवस्था से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस को छोड़कर अन्य 11 डिजिटल रजिस्टर यथावत रहेंगे।
बसपा सुप्रीमो मायावती भी मंगलवार को शिक्षकों के समर्थन में उतरी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहां बदहाली की शिकायत आम है। इस पर समुचित बजट प्रावधान कर उन गंभीर समस्याओं का उचित हल निकालने की जगह सरकार ध्यान बंटाने के लिए दिखावटी कार्य कर रही है।
उन्होंने लिखा कि शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है। इससे ज्यादा जरूरी शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक्स पर लिखते हुए कहा कि, योगी सरकार द्वारा शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगाना और लखनऊ के इंद्रप्रस्थ नगर, पंतनगर, खुर्रम नगर, अबरार नगर, शिवानी बिहार में बुलडोजर कार्रवाई को स्थगित करने का निर्णय यूपी में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा की एक सोची-समझी चाल है। उन्होंने लिखा कि देश के अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों तथा लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिली हार से डरी भाजपा उत्तर प्रदेश के साथ एक बार फिर छल करने की तैयारी में है।