गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में भूमि प्रबंधन को पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में ‘नक्शा कार्यक्रम’ के तहत एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। सोमवार से शहर के 10 नए वार्डों में हेलिकॉप्टर के माध्यम से हवाई सर्वेक्षण शुरू किया गया। इस तकनीकी सर्वेक्षण का उद्देश्य हर संपत्ति का सटीक डिजिटल भू-रिकॉर्ड तैयार करना है, जिससे भविष्य में जमीन से जुड़े विवादों को रोका जा सके और शहरी नियोजन में स्पष्टता लाई जा सके।
सर्वेक्षण के लिए एलएण्डटी कंपनी का हेलिकॉप्टर पिछले तीन दिनों से सर्किट हाउस के हेलीपैड पर तैनात था। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर दौरे के कारण उड़ान की अनुमति नहीं मिल सकी थी। जैसे ही मुख्यमंत्री लखनऊ रवाना हुए, प्रशासन ने सर्वे की अनुमति दे दी और 12 प्वाइंट पर हवाई सर्वे किया गया। इस कार्य को तीन से चार दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
हेलिकॉप्टर में ड्रोन कैमरे, लिडार और नादिर तकनीक का उपयोग कर सभी मकानों, दुकानों और खाली प्लॉटों की विस्तृत लोकेशन और उपयोग की जानकारी डिजिटल रूप में रिकॉर्ड की जा रही है।
नक्शा कार्यक्रम के पहले चरण में गोरखपुर नगर निगम के निम्नलिखित 10 वार्डों को शामिल किया गया है:
इसके अतिरिक्त, पूरे शहर का भी चरणबद्ध रूप से सर्वे किया जाएगा ताकि एक एकीकृत और अद्यतन डिजिटल डाटा तैयार हो सके।
इस कार्यक्रम के जरिए शहरी क्षेत्रों की भूमि और संपत्तियों का डिजिटल और प्रमाणिक रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में ‘घरौनी’ जैसी व्यवस्था पहले से मौजूद है, वहीं शहरी क्षेत्रों में स्पष्ट दस्तावेजों की कमी अकसर विवादों को जन्म देती है। इस डिजिटल सर्वे से स्वामित्व स्पष्ट, टैक्स निर्धारण पारदर्शी और जोनिंग प्रभावी होगी।
नगर निगम द्वारा इस सर्वेक्षण को सफल बनाने के लिए 26 टीमें गठित की जा रही हैं। इसके लिए 52 डिप्लोमा/डिग्री इंजीनियरों की छह महीने की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हर टीम में एक राजस्वकर्मी और एक सर्वेयर को शामिल किया जाएगा। सर्वे के बाद तीन स्तरों पर सत्यापन की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
नगर निगम के अपर आयुक्त निरंकार सिंह ने जानकारी दी कि हवाई सर्वेक्षण की शुरुआत हो चुकी है। इसके बाद ग्राउंड टीम मकानों, दुकानों और प्लॉटों की जानकारी जुटाकर प्रॉपर्टी की लोकेशन, प्रकार, उपयोग और स्वामित्व से जुड़े विवरणों को रिकॉर्ड करेंगी। यह जानकारी GIS सिस्टम से जोड़ी जाएगी, जिससे भविष्य की शहरी योजनाएं अधिक सटीक और समयबद्ध बनाई जा सकें।
नक्शा कार्यक्रम को देश के 8 नगर निकायों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है, जिसमें गोरखपुर और झांसी प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह पहल शहरी भूमि प्रबंधन को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन मानी जा रही है।