यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नेशनल मेडिकल कमीशन की एमबीबीएस कोर्स के लिए मान्यता मिल गई। इसके लिए एमबीबीएस के छात्रों को काफी जद्दोजहद करना पड़ा था। एमबीबीएस पास कर चुके छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे। क्योंकि एमबीबीएस 2017 बैच को मान्यता नहीं मिल पाई थी। जिससे उनके भनिष्य पर दांव लग गया था। इस मामले में संज्ञान ले कर गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की थी और NMC से मान्यता मिली थी। लोहिया सस्थान के निदेशक चिकित्सक और विद्यार्थियों ने मिलकर आभार व्यक्त किया।
आज राजभवन में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद, संकायाध्यक्ष तथा दस अन्य चिकित्सा विद्यार्थियों ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंटकर आभार व्यक्त किया है। इस दौरान डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि उनके बहुमूल्य दूरदर्शी विचार, प्रेरणा और मार्गदर्शन तथा प्रयासों से डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को आगामी पांच वर्षों के लिए यह उपलब्धि मिली है। उन्होंने आगे बताया कि संस्थान को साल 2017 में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम के लिए एन.एम.सी. से एल.ओ.पी. अनुमति प्राप्त होने पर 150 सीट्स पर शैक्षणिक कार्य प्रारंभ हुआ था।
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नेशनल मेडिकल कमीशन की एमबीबीएस कोर्स की एनएससी से मान्यता नहीं मिलने पर छात्रों में इतना गुस्सा था कि वे प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर आ गए थे। जिसके बाद संस्थान प्रशासन ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया। मामले का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात कर समस्या का समाधान किया।
शाम तक संस्थान को एनएमसी से लेटर मिल गया है। जिसके तहत पहली बार सूबे में किसी भी संस्थान को पांच साल के लिए मान्यता मिली। आपको बता दें कि साल 2017 में यहां एमबीबीएस का पाठ्यक्रम शुरू किया गया था। पहले बैच के लिए यहां 150 सीटों पर एडमिशन भी कर लिए गए। यह बैच हाल ही में पास कर चुका है। अब समस्या इस बात की थी कि ये सभी छात्र भले ही एमबीबीएस की परिक्षा पास कर लिए हों, लेकिन एनएमसी से डिग्री की मान्यता नहीं होने की वजह वे सभी न तो प्रैक्टिस कर सकते थे और न ही पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन ले सकते थे।
गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात की जिसके बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को NMC से मान्यता मिली थी। नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत आने वाले अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की ओर से जारी लेटर में बताया कि संस्थान को 5 साल के लिए मान्यता दी जा रही है। 5 साल के बाद इसे रिन्यू करना होगा।
आपको बता दें कि लोहिया संस्थान के प्रवक्ता एपी जैन ने कहा था कि एमबीबीएस के लिए मान्यता का लेटर प्राप्त हो चुका है। यह प्रदेश में पहला संस्थान है जिसे पांच साल के लिए मान्यता मिली है। संस्थान छात्रों के भविष्य के प्रति पूरी तरह गंभीर है।