सीएम योगी ने अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया है कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। सीएम योगी के निर्देश का पालन करते हुए जिलाधिकारी बस्ती प्रियंका निरंजन ने 59 अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। डीएम ने ये कार्रवाई उस वक्त की जब जिले का 67वां रैंक आया। जिलाधिकारी ने कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी भी जताई है।
शासन ने आईजीआरएस की समीक्षा कर रैंकिंग जारी की। आईजाआरएस की समीक्षा में निस्तारित 1121 मामलों में 611 का निगेटिव फीडबैक मिला, साथ ही सम्यक परीक्षण किए बिना ही शिकायतों को स्पेशल क्लोज किए जाने का मामला भी सामने आया। आपको बता दें कि इस संबंध में शिकायतकर्ताओं के फीडबैक का समुचित संज्ञान लिए जाने के लिए शासन एवं डीएम स्तर से कई प्रकार की समीक्षा की जाती है।
समीक्षा के बाद निष्कर्ष संतुष्ट करने वाला नहीं होता है तो इससे साफ हो जाता है कि अधिकारी आईजीआरएस के प्रकरणों में विशेष रूचि नहीं ले रहे हैं। मुख्यालय स्टेज पर निरंतर भ्रमित करने वाले, दोष रहित और बिना के मानक के आख्या प्रेषित किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा ऐसा करना शासकीय कामों को लेकर घोर उदासीनता का प्ररिचायक है। जिसके लिए सभी 59 अधिकारियों के जुलाई महीने का वेतन रोके जाने का आदेश दिया है।