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LS Election 2024: आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का मन नहीं पर मायावती ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी- शबीहा अंसारी

Don't feel like contesting elections from Azamgarh but Mayawati gave her big responsibility - Shabiha Ansari

Don't feel like contesting elections from Azamgarh but Mayawati gave her big responsibility - Shabiha Ansari

LS Election 2024: आजमगढ़ संसदीय सीट से बाजपा ने निरहुआ को तो समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है वहीं बसपा ने इस सीट से महिला उम्मीदवार को उतार कर पूरा मामला ही रोचक कर दिया है। बसपा ने यहां से शबीहा अंसारी को टिकट दिया है। टिकट मिलने के बाद शबीहा ने मायावती को धन्यवाद देते हुए कहा कि आजमगढ़ से इस पार उनकी पार्टी जीतने वाली है।

मायावती ने ऐसी महिला को चुना जो सामाजिक कार्य करती हैं

आजमगढ़ नगर के पहाड़पुर स्थित उनके आवास पर मीडिया के लोगों से बात करते हुए बसपा से प्रत्याशी शबीहा अंसारी ने सबसे पहले तो मायावती को धन्यवाद कहा फिर उन्होंने कहा कि मायावती ने इस सीट से ऐसी महिला का चुनाव किया है जो सामाजिक कार्यकर्ता रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह खुद अपने आप में एक मुद्दा हैं। आजमगढ़ की जनता शिक्षित होने के साथ क्रांतिकारियों की धरती भी है। वहीं लंबे अंतराल के बाद इस सीट से कोई महिला चुनावी मैदान में है। ऐसे में यहां के वोटरों के फैसले पर वह खरी उतरेंगी।

शबीहा ने कहा कि आजमगढ़ में आ रही है बसपा

शबीहा अंसारी ने बात करते हुए कहा कि वह एक सोशल वर्कर हैं। उन्होंने उस मुश्किल समय में भी काम किया है जब कोरोना काल में कोई बाहर नहीं जाता था तब वह लोगों के बीच जाकर अपने काम को निभाती थी। आगे उन्होंने कहा कि उस समय उनके पास जो सामर्थ्य था उसे लोगों की मदद करने में लगा दिया। उन्होने कहा कि, एक मुस्लिम महिला होकर घर से बाहर निकलकर काम किया। ऐसे में मुझे उन लोगों के बीच जाकर प्यार दुलार मिलता था और अब तो मुझे उनसे इतना अपार प्यार दुलार मिल रहा है कि मैं उसे समेट भी नहीं पा रही हूं।

चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं पर मायावती से सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

शबीहा अंसारी ने कहा कि उनका चुनाव लड़ने का फिलहाल अभी कोई इरादा नहीं था। वे कांग्रेस में थी और विधानसभा चुनाव लड़ने की सोच रही थी लेकिन बहन जी ने यह ऐतिहासिक फैसला करके मुझे जो अवसर प्रदान किया वह बुनकर समाज के बेटी के लिए गर्व की बात है। फिर उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहला अवसर है जब एक बुनकर बेटी इतने बड़े पार्लियामेंट का चुनाव लड़ने के लिए रणनीतिक मैदान में है जो कि एक ऐतिहासिक बात है और जनता अपनी इस बेटी की आवाज को बुलंद करने के लिए पार्लियामेंट भेज रही है।

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