नोएडा प्राधिकरण ने न्यू नोएडा (DNGIR) परियोजना को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। अब गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों में ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे से खसरा नंबर वाइज भूमि की स्थिति, निर्माण और खाली प्लॉट, सार्वजनिक सुविधाओं और अवैध निर्माण का विवरण एकत्र किया जाएगा।
सर्वे के लिए नियुक्त निजी कंपनी को 10 दिन में प्रेजेंटेशन (PPT) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें यह स्पष्ट होगा कि ड्रोन सर्वे किन बिंदुओं को कवर करेगा। 20 अप्रैल के बाद प्राधिकरण में बैठक होगी, जहां अंतिम दिशा-निर्देशों के साथ मई में सर्वे की शुरुआत की जाएगी। यह कार्य 10 से 15 दिन में पूरा कर रिपोर्ट CEO को सौंप दी जाएगी।
अक्टूबर 2024 में जब DNGIR के लिए अधिसूचना जारी की गई थी, तब की सैटेलाइट इमेज प्राधिकरण के पास उपलब्ध है। इस इमेज की तुलना ड्रोन से प्राप्त नवीनतम डेटा से की जाएगी। अधिसूचना के बाद बिना अनुमति किए गए किसी भी निर्माण को अवैध माना जाएगा और ऐसे निर्माणों पर नोटिस जारी कर उन्हें ध्वस्त किया जाएगा।
न्यू नोएडा मास्टर प्लान के तहत 209.11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र (20,911 हेक्टेयर) को चार चरणों में विकसित किया जाएगा:
1. 2023-2027: 3,165 हेक्टेयर
2. 2027-2032: 3,798 हेक्टेयर
3. 2032-2037: 5,908 हेक्टेयर
4. 2037-2041: 8,230 हेक्टेयर
इस विकास के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा दरें तय करने पर भी काम चल रहा है। जल्द ही किसानों के साथ बैठक कर रेट को अंतिम रूप दिया जाएगा।
न्यू नोएडा के पहले चरण में 15 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। प्रत्येक गांव में औसतन 200 किसान परिवार हैं, यानी कुल 16,000 किसान परिवारों से वार्ता की जाएगी। प्राधिकरण का कहना है कि जमीन किसानों की सहमति के आधार पर ली जाएगी और उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा।