हरदोई जिले के बाल संप्रेक्षण गृह में उस समय हड़कंप मच गया जब 15 बाल कैदियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इलाज के लिए सभी को मेडिकल कॉलेज लाया गया। जहां पर उनकी प्राथमिक जांच कर उनकी इलाज चल रही है। ये सभी बाल कैदी पिछले पांच दिनों से बुखार, सर दर्द और बदन दर्द के चलते बीमार चल रहे थे। इनका इलाज बाल संप्रेक्षण गृह में ही किया जा रहा था लेकिन आज इनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
बाल कैदियों की स्थिति को देखते हुए उन्हें हरदोई के मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां पर सभी बाल कैदियों के खून की जांच की गई। फिर उनका इनका इलाज किया गया। डॉक्टरों ने इन्हें अन्य बाल कैदियों से अलग रखने की सलाह दी है। जिससे इनके अंदर फैली बीमारी अन्य किसी कैदियों के अंदर न फैल सके। डॉक्टरों का कहना है कि प्राथमिक तौर पर इनका इलाज शुरू कर दिया गया है लेकिन खून की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी के बारे में सही से पता चल पाएगा।
बाल कैदियों का इलाज करने वाले डॉक्टर शुभांकर ने बताया कि बाल संप्रेक्षण गृह से 15 बच्चे आए थे। जिनको खांसी, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द और जुकाम की शिकायते थीं। उन्होंने बताया कि बच्चों को दवाई दे दी गई है और उनके ब्लड का टेस्ट कराया गया है। उन्होंने बताया कि ब्लड टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद ही बताया जाएगा कि कौन सी बिमारी की वजह से सारे बच्चों को दिक्कत हुई है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे एक साथ रहते हैं, इसी वजह से बच्चों में बिमारियां फैल जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि बिमार सभी बच्चों को अलग रखने के लिए कहा गया है। जिससे कि और बच्चों को ये बिमारियां न फैलें। हरदोई मेडिलक कॉलेज में बच्चों का इलाज तो कर दिया गया है, लेकिन ब्लड टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि बच्चों को ये समस्याएं किस वजह से हुईं हैं।
हरदोई से संवाददाता हर्षराज सिंह की रिपोर्ट।