Site icon UP की बात

Kanpur Dehat: यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क टूटा, लोगों को सिर्फ नाव का सहारा

कानपुर में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी का बढ़ता जलस्तर अब लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। यमुना पट्टी से जुड़े करीब आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट चुका है। गांव के चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। लोगों में अब आजीविका का संकट पैदा हो गया है।

लगातार हो रही बारिश अब लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से किसानों के खेत डूब चुके हैं, तमाम फसलें बर्बाद हो गई हैं। उनकी आजीविका के साधन अब खत्म हो चुके हैं। लगातार बाढ़ के हालात बने हुए हैं। ग्रामीणों में जहरीले कीड़ों का खतरा भी सता रहा है। बाढ़ पीड़ितों की माने तो अब तक उन्हें किसी भी तरह की प्रशासनिक मदद नहीं मिली है।

लोगों ने कर्जा लेकर अपनी फैसले बोई थी लेकिन अब बाढ़ की चपेट में आने से वो बर्बाद हो गई है। जिससे कहीं ना कहीं वो और भी आर्थिक तंगी से जूझने वाले हैं। लोगों ने बताया कि जल भराव हो जाने के चलते खाने पीने के सभी इंतजाम खत्म होते जा रहे हैं। कड़ी मशक्कत के बाद एकमात्र नाव के सहारे लोग बाहर जाते हैं और खाने पीने के समान की व्यवस्था करते हैं।

वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि उनकी तरफ से प्रभावितों की हर संभव मदद की जा रही है। हालांकि 36 घंटे बीतने के बाद अब यमुना का जलस्तर कम हुआ है।

ग्रामीणों का कहना है कि हर साल ये गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी भी उन्हें ऊंचे स्थान पर बसाने की कवायद नहीं की। लोग बिस्किट, दालमोट खाकर गुजारा कर रहे हैं। वहीं कुछ ग्रामीण तो गांव से पलायन भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यहां पर आजीविका के साधन नहीं हैं इसलिए वो बाहर जाकर कुछ काम करेंगे और अपने बच्चों का पेट भरेंगे।

उत्तर प्रदेश में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। खासकर नदियों के किनारे बसे गांवों का बहुत बुरा हाल हैं। हालात ये बन गए हैं कि लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसलिए वो अपने गांव से पलायन करने को मजबूर हैं। इस बीच अगर कोई बीमार पड़ जाय तो उसे स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाना भी बेहद मुश्किल काम है।

Exit mobile version