प्रयागराज नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही से लोग परेशान हैं। घूरपुर बीकर गांव में कचरा प्रबंधन प्लांट बस्ती के बीचोंबीच लगाया जा रहा है। लोगों को आशंका है कि प्लांट लगने के बाद यहां के लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। गांव के बीच लग रहे इस प्लांट को लगाने का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने गीले और सूखे कूड़े का निस्तारण की योजना बनाई है। जिसके लिए कूड़े के प्लांट लगाए जा रहे हैं। लेकिन प्रयागराज के घूरपुर बीकर गांव में ये प्लांट आबादी के बीच में लगाया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि प्रयागराज के घूरपुर बीकर गांव की निषादों की गरीब बस्ती के बीच घरों से सटाकर कचरा प्लांट बनाया जा रहा है। इस प्लांट से उठने वाली दुर्गंध गांव के लोगों में बीमारी फैलाएगी।
उनका कहना है कि कचरा प्लांट लगाने का विरोध नहीं हैं लेकिन इस प्लांट को गांव के बाहर लगाया जाए ताकि कचरे की दुर्गंध से किसी को नुकसान न हो। लेकिन अधिकारी नहीं मान रहे हैं और जबरन आबादी के बीच कचरा प्लांट लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस जगह आंगनबाड़ी या स्कूल खोले जांय ताकि गांव के बच्चे पढ़ सके। ग्रामीणों का ये भी आरोप है कि ग्राम प्रधान ने गाँव की खुली बैठक और सहमति के बिना ही प्रस्ताव बना दिया जो पंचायती राज एक्ट का उलंघन है।
गांव के बीचोंबीच कूड़ा निस्तारण प्लांट बनाने का ग्रामीण विरोध पर उतर आए हैं। लोगों ने ज्ञापन बनाकर उस पर सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर कराए हैं इसके बाद इसे प्रशासन को दिया जाएगा। लोगों का कहना है कि अगर उनकी मांग को प्रशासन ने गौर नहीं किया तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे।
आबादी के बीच नगर निगम कचरे का प्लांट लगा रहा है। जबकि इस प्लांट को हमेशा आबादी से दूर लगाया जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जिम्मेदार अधिकारी और ग्राम प्रधान बस्ती के बीचों-बीच क्यों जबरन कचरा प्लांट लगाना चाह रहे हैं?…