वाराणसी: बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए अब हर शहरी जतन किया रहा है। होली का त्योहार नजदीक आते ही हर जगह होलिका बनाया गया है, कुछ लोग सुखी लकड़ियां बाजार से खरीद कर होलिका बनाते हैं तो कुछ लोग आसपास के हरे पेड़ों को काटकर होलिका में डाल देते है।
हरे पेड़ों की कटान से पर्यावरण का नुकसान तो होता ही है साथ ही हरे पेड़ों की लकड़ियां जलने की बजाय सुलग कर वातावरण को प्रदूषित करते हैं। वहीं कुछ लोग अब इस विषय पर जागरूक हो गए हैं। भोजूबीर व सदर तहसील के पास स्थानीय लोगों द्वारा उपलों (गोहरी) को एक के ऊपर एक रखकर बनाई गई।
होलिका देखने में आकर्षक होने के साथ ही इको फ्रेंडली भी है। ऐसी होलिकाएं बनारस में कई जगह देखने को मिली है। लोग अब त्योहार पर प्रदूषण का भार नही बढ़ाना चाहते है। बता दें कि, प्रदेश के कई क्षेत्रों में इस बार की होलिका के माध्यम से विश्व भर में फैले कोरोना वायरस को दर्शाया गया है। साथ ही कोरोना वायरस का एक हॉस्पिटल भी दर्शाया गया है। जिसे देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी हुई है। जो भी एक बार यहां से गुजरता है। वो जरूर इस होलिका को रुक कर देखता है। और बिना फोटो और सेल्फी लिए नही जाता है।