प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत FIITJEE कोचिंग संस्थान के नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम समेत 8 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब जनवरी 2025 में संस्थान ने अचानक अपने कई कोचिंग सेंटर बंद कर दिए, जिससे करीब 12,000 छात्र प्रभावित हुए।
फीस ली, पढ़ाई बंद — छात्रों और अभिभावकों के साथ धोखा
छात्रों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि FIITJEE ने 5 से 6 लाख रुपये तक की फीस ली थी और अचानक कोचिंग बंद कर दी। टीचर्स ने रातों-रात इस्तीफा दे दिया और छात्रों की पढ़ाई अधर में लटक गई। इस पर नोएडा, मेरठ समेत कई शहरों में एफआईआर दर्ज की गई थी।
फंड डायवर्जन और हवाला की भी जांच
ED ने अपनी जांच में पाया कि संस्थान से वसूले गए पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। वित्तीय हेराफेरी कर फंड को अन्य प्रोजेक्ट्स में डायवर्ट किया गया। साथ ही हवाला एंगल से भी जांच की जा रही है। छापेमारी के दौरान ED को महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड हाथ लगे हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
प्रमोटर डी.के. गोयल और अन्य के ठिकानों पर रेड
ED की यह कार्रवाई FIITJEE के प्रमोटर डी.के. गोयल और उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर भी की गई है। यह रेड न केवल आर्थिक अपराध की जांच है बल्कि शैक्षणिक क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर भी एक बड़ा संदेश मानी जा रही है।
विवादित फ्रेंचाइज़ी मॉडल ने बढ़ाई नाराज़गी
अभिभावकों ने यह भी आरोप लगाया कि उसी सेंटर को अब एक नई फ्रेंचाइज़ी के तहत दोबारा शुरू किया गया, जिससे उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। छात्रों का भविष्य अधर में है और न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया गया।