उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 89.84 लाख रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। यह कदम धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत उठाया गया है। इस घोटाले में सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें कई उच्च पदस्थ अधिकारी, राजनेता और ठेकेदार संलिप्त पाए गए हैं।
क्या है NRHM घोटाला?
NRHM घोटाला उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जारी सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ा एक बड़ा मामला है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये जारी किए गए थे, लेकिन इस धन का बड़े पैमाने पर गबन किया गया। इस भ्रष्टाचार में सरकारी अधिकारियों, नेताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत उजागर हुई, जिसके चलते यह मामला सुर्खियों में आया। इस घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहे हैं।
ED की कार्रवाई और संपत्तियों की अटैचमेंट
प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले से जुड़ी 89.84 लाख रुपये की संपत्तियों की पहचान कर उन्हें अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। इनमें चल और अचल संपत्तियां शामिल हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है, जिससे इस घोटाले में शामिल व्यक्तियों पर कानूनी शिकंजा और मजबूत हो सकता है। ED लगातार इस मामले में जांच कर रही है और इससे जुड़े वित्तीय लेनदेन की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
पहले भी हो चुकी हैं कई गिरफ्तारियां
NRHM घोटाले में अब तक कई वरिष्ठ अधिकारी, राजनेता और ठेकेदार गिरफ्तार किए जा चुके हैं। भ्रष्टाचार के इस मामले की परतें खोलने के लिए CBI और ED दोनों ही जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं। घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है, जिससे इस मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके और दोषियों को सजा मिल सके।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
NRHM घोटाला उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक है, जिसने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय की हालिया कार्रवाई इस बात का संकेत है कि सरकार और जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपना रही हैं। आने वाले समय में इस घोटाले से जुड़े और भी नामों का खुलासा हो सकता है, जिससे दोषियों को कानून के कठघरे में लाया जा सकेगा।