गाजियाबाद में ‘यूपी की बात’ के खबर का बड़ा असर हुआ है। भ्रष्टाचार को लेकर आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह ने संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। आयुक्त ने भ्रष्टाचार के आरोप में अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार चंद्र को पद से हटा दिया है।
गाजियाबाद के आवास विकास परिषद में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी। जिसको संज्ञान में लेकर अधिकारियों ने सिद्धार्थ विहार में 50 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में संपत्ति अधिकारी राजकुमार और ईएमओ आनंद गौतम को सस्पेंड किया है। वहीं अधिकारियों की मिली भगत से आवास विकास परिषद में बीबी पांडे जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं।
इसके बावजूद भी वो लगातार संपत्ति विभाग में बैठ रहे हैं। तमाम शिकायतों के बाद भी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग पा रही है। ‘यूपी की बात’ की खबर चलने के बाद इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों ने कडा एक्शन लिया है और आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह के आदेश पर गाजियाबाद विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार चंद्र को भी हटा दिया है।
भ्रष्टाचार को लेकर आजकल गाजियाबाद का आवास विकास परिषद सुर्खियों में है। हालात ये हैं कि कोई व्यावसायिक प्लॉट दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की रिश्वत मांग रहा है तो कोई अवैध कब्जे करवा रहे हैं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। यूपी की बात की खबर का संज्ञान लेते हुए आवास आयुक्त ने अब इन भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के बाद रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
गाजियाबाद आवास विकास परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार पर अब अंकुश लगना शुरू हो गया है। आवास आयुक्त ने भ्रष्टाचार पर रख्त रुख अपनाते हुए आरोपी अधीक्षण अभियंता को हटा दिया है। उम्मीद है कि इसके बाद आवास विकास परिषद में रिश्वत खोरी पर लगाम लग सकेगी।