उत्तर प्रदेश की विधानसभा की 10 में से 9 सीटों पर उप-चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।’
इस चुनाव की खास बात यह है कि चुनाव आयोग ने जो विज्ञप्ति मीडिया के सामने जारी की है, उसमें अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट का नाम कहीं नहीं है। इस सीट पर उप चुनाव, मिल्कीपुर के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की याचिका के कारण नहीं हो रहा है। गोरखनाथ ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।
सपा अब तक 6, जबकि बसपा 5 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए। लेकिन दो दिन पहले दिल्ली में हुई बैठक में 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। एक सीट गठबंधन सहयोगी रालोद को दी जाएगी।
आम चुनाव के बाद होने वाला उप चुनाव योगी सरकार के लिए अग्नि परीक्षा और 2027 के विधानसभा का रास्ता है। आम चुनाव में इंडी गठबंधन के हाथों मिली हार के बाद केंद्र सरकार और भाजपा ने उप चुनाव में सभी 9 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इधर, अखिलेश यादव और मायावती ने भी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
जिन 9 सीटों पर उप चुनाव होने हैं, उनमें अंबेडकरनगर की कटेहरी, प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर, मिर्जापुर की मझवां, कानपुर की सीसामऊ, मैनपुरी की करहल, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट है।
इनमें से कटेहरी, कुंदरकी, करहल और सीसामऊ सपा के कब्जे में थी। खैर, फूलपुर और गाजियाबाद भाजपा के पास थी। जबकि मझवां भाजपा के सहयोगी दल निषाद और मीरापुर रालोद के पास थी। यानी 4 सीट पर सपा और 5 सीट पर एनडीए का कब्जा था।