Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के 19 अप्रैल के प्रथम चरण के अंतर्गत मुरादाबाद मंडल की चार सीटों पर चुनाव होना है। इन सीटों पर भाजपा, सपा और बसपा के प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बुधवार शाम प्रचार बंद होने के बाद प्रत्याशी सोशल मीडिया के माध्यम से मतदाताओ को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे है।
इस बार बीएसपी अकेले मैदान में
मुरादाबाद मंडल की चार सीटे मुरादाबाद, रामपुर, नगीना और बिजनोर सीट पर 19 अप्रैल को चुनाव होना है। पिछले चुनाव में सपा बसपा और रालोद का गठबंधन था। इस बार बसपा अकेले चुनाव मैदान में है।
किसने यहां से किसको उम्मीदवार बनाया
बसपा ने जातीय समीकरण के आधार पर मुरादाबाद से इरफान सैफ़ी को उम्मीदवार बनाया हैं। गठबंधन से सपा की प्रत्याशी रुचिवीरा मैदान में हैं। वही भाजपा ने सर्वेश सिंह पर फिर से भरोसा जताया है। सर्वेश सिंह, मोदी लहर 2014 में इस सीट से जीत चुके है। मुरादाबाद में वैसे तो चुनाव का रुख एक रात पहले देखा जाता है। पर, पिछले कई चुनावो की बात करे तो यहाँ चुनाव हिन्दू मुस्लिम ही होता रहा है।
सपा के नॉन मुस्लिम प्रत्यशी के आने से मुकाबला रोचक
लेकिन इस बार सपा के नॉन मुस्लिम प्रत्यशी के मैदान में आने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। सपा प्रत्याशी रुचिवीरा के ताबड़तोड़ प्रचार ने उनकी लोकप्रियता बड़ा दी तो भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह प्रचार मैदान में कही भी दिखाई नही दे रहे। उनके बेटे बढ़ापुर विधायक सुशांत सिंह ही चुनावी बागडोर संभाले हुए है। सूत्र बताते है सर्वेश सिंह की तबियत ज्यादा खराब है इसलिए वह किसी बड़े अस्पताल में भर्ती है। यही कारण है जनता का रुझान भी रुचिवीरा की ओर ज्यादा दिख रहा है।
ऐसे बटा हैं मुरादाबाद संसदीय सीट
सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो मुरादाबाद लोकसभा को 16 जोन, 135 सेक्टर में बाटा गया है। यहां 721 मतदान केंद्र है। जिसमे 206 संवेदनशील मतदान केंद्र है। मुरादाबाद में 28 कंपनी पीएसी और पैरा मिलिट्री फ़ोर्स और तीन प्लाटून लगाई गई है। इसके अलावा 63 इंस्पेक्टर, 809 सब इंस्पेक्टर, 4376 कांस्टेबल, 2790 होम गार्ड तैनात रहेंगे।
मुरादाबाद लोकसभा पर 2056514 मतदाता है। जिनमे 25 हज़ार से ऊपर नए मतदाता है जो पहली बार अपना वोट देंगे। जातिय समीकरण की बात करे तो यहाँ दलित 4 लाख, सैनी 2 लाख, ब्राह्मण 1.5 लाख, क्षत्रिय 1 लाख, वैश्य 1 लाख, पंजाबी 50 हज़ार, पाल 50 हज़ार, जाट 60 हज़ार, यादव 25 हज़ार, अंसारी 4 लाख, शेखजादा 1लाख , कुरेशी 1 लाख, पठान 50 हज़ार, सैफ़ी 50 हज़ार, घोसी 40 हज़ार है। यहाँ सीधे तौर पर चुनाव एक दिन पहले पलटता है। और प्रत्यशियों को छोड़ चुनाव का रुख हिन्दू-मुस्लिम होता है। इस बार किसे जीत मिलेगी ये 19 अप्रैल को मतदान वाले दिन और 4 जून को मतगढ़ना वाले दिन पूरा साफ हो जाएगा।