यूपी में बिजली बिल की दरें बढ़ाने की चर्चा के बीच ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बड़ा बयान आया है। ऊर्जा मंत्री ने साफ कर दिया है कि फिलहाल शासन और सरकार की मंशा यूपी में बिजली बिल बढ़ाने की नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां वार्षिक तुलना के आधार पर अपनी जो रिपोर्ट दी हैं, उसके आधार पर बिजली बिल की दरें बढ़ाने पर चर्चा हो रही है। लेकिन, सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है।
बिजली कंपनियां प्रस्ताव तैयार कर रही हैं। 15 अगस्त से पहले यह प्रस्ताव फाइलन करने की चर्चा है। इसमें नियामक आयोग के सामने कंपनियां बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव बनाएंगी। पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक वाणिज्य ने सभी बिजली कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि यह प्रस्ताव जून 2023 के बढ़ोतरी, डिमांड और सप्लाई के हिसाब से भेजा जाएगा। यूपी में बिजली के 3 करोड़ 28 लाख उपभोक्ता हैं।
यूपी में बिजली की दर पिछले चार साल से नहीं बढ़ी है। आयोग में लगातार प्रस्ताव खारिज होता रहा है। कोविड के दौरान दो साल तक बिजली बिल बढ़ाने पर कोई बात नहीं हुई थी। अगस्त के महीने में प्रस्ताव देने के पीछे पावर कॉरपोरेशन के निर्देशक वाणिज्य ने हवाला दिया है कि अक्सर प्रक्रिया में देरी की वजह से बिजली कंपनियों पर अर्थदंड लगाया जाता है। साथ ही दूसरी कटौतियां भी की जाती हैं। जानकारों का कहना है कि कॉर्पोरेशन के इस कदम को जल्द बिजली दरें बढ़ाने का प्रयास मान रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जो कंपनियां फ्यूल चार्ज के नाम पर बिजली दर बढ़ाने की बात कर रही हैं, यह सरकार का विषय नहीं है। यह UPRC का सब्जेक्ट है। सरकार बिजली बिल की दरें बढ़ाने पर अभी विचार नहीं कर रही। इस बारे में उनका कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। उनसे जब सवाल किया गया कि अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। खुद उन्हीं की पार्टी के सांसद कौशल किशोर इसको लेकर शिकायत कर चुके हैं। इस पर उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सबका फोन उठाना चाहिए और इसकी मॉनिटरिंग होगी।
लखनऊ से संवाददाता फैज अहमद की रिपोर्ट।