मास्टर प्लान रोड नंबर-1 (MP-1) पर रजनीगंधा अंडरपास से लेकर सेक्टर-57 चौराहे तक एलिवेटेड रोड बनाने की योजना फिर से शुरू हो गई है। नोएडा प्राधिकरण ने इस परियोजना को पुनर्जीवित करने की तैयारी कर ली है। इस सड़क के निर्माण से दिल्ली-नोएडा ट्रैफिक को राहत मिलेगी और लोगों को पांच रेडलाइट से छुटकारा मिलेगा।
पुरानी योजना को मिली नई रफ्तार
यह परियोजना पहले वर्ष 2015-16 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में प्रस्तावित हुई थी, और शिलान्यास भी हो चुका था। लेकिन इसके बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब फिर से इस पर काम शुरू होने जा रहा है।
आईआईटी रुड़की करेगी परीक्षण, फिर बनेगी डीपीआर
एलिवेटेड रोड की लंबाई करीब 5 किलोमीटर होगी। आधिकारिक मंजूरी मिलने के बाद इसे परीक्षण के लिए आईआईटी रुड़की भेजा गया है। आईआईटी रुड़की इस परियोजना की उपयोगिता, संभावनाओं और डिजाइन पर रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जाएगी, जिससे इसकी कुल लागत का सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। शुरुआती आकलन के अनुसार, इस परियोजना पर 600-700 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
ट्रैफिक जाम की समस्या होगी कम
सुबह और शाम के व्यस्त समय (पीक आवर्स) में रजनीगंधा से सेक्टर-12-22-56 तिराहे तक ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है। शाम के समय तो वाहनों की गति काफी धीमी हो जाती है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। आने वाले समय में ट्रैफिक का यह दबाव और भी बढ़ सकता है।
यह सड़क नोएडा के औद्योगिक और आवासीय सेक्टरों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, गाजियाबाद के खोड़ा, इंदिरापुरम और दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों के लिए भी यह मार्ग अहम भूमिका निभाता है।
शहर में अन्य एलिवेटेड रोड परियोजनाएं भी जारी
नोएडा में डीएससी रोड पर भंगेल एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य पहले से चल रहा है। इसके अलावा, दिल्ली के चिल्ला रेगुलेटर से नोएडा के महामाया फ्लाईओवर तक चिल्ला एलिवेटेड रोड की परियोजना भी जल्द ही शुरू होने वाली है। इस परियोजना पर अगले 3-4 महीनों में काम शुरू होने की संभावना है।
सपा शासन में हुआ था शिलान्यास, अब फिर से सक्रिय हुई योजना
सपा सरकार के दौरान इस परियोजना का शिलान्यास किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सेक्टर-10 से सेक्टर-12-22 तिराहे तक एलिवेटेड रोड की नींव रखी थी। लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद इस योजना पर काम नहीं हो पाया। अब फिर से इस परियोजना को गति देने की तैयारी हो रही है।
नोएडा में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए एलिवेटेड रोड परियोजना बेहद जरूरी हो गई है। यह सड़क दिल्ली-नोएडा ट्रैफिक को सुचारू बनाएगी और जाम की समस्या को कम करेगी। सरकार की ओर से इस परियोजना को फिर से शुरू करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है, जिससे शहर के यातायात व्यवस्था को नया रूप मिलेगा।