योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति के निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी नजर आ रही है। ताजा मामला महराजगंज जिले से सामने आया है। जहां संयुक्त जिला चिकित्सालय में मरीजों को बाहर की दवाईयां खरीदनी पड़ रही है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सूबे के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बाहर की दवाएं लिखने पर रोक लगाई जाए। इसके बाद महाराजगंज जिला संयुक्त चिकित्सालय में इलाक के लिए आने वाले मरीजों को बाहर की दवाईयां खरीदनी पड़ रही हैं।
संयुक्त जिला चिकित्सालय में डॉक्टर दवा माफियाओं के इशारे पर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों को मजबूरी में बाहर की महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। हद तो इस बात की है कि यहां मरीजों को ब्लड की जांच भी बाहर से करानी पड़ रही है। क्योंकि सरकारी पैथालॉजी के जिम्मेदार जांच कि अनुपलब्धता बता कर बाहर जांच के लिए भेज देते हैं।
यूपी की बात की टीम महराजगंज संयुक्त जिला चिकित्सालय ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो वहां कि स्थिति सामान्य अस्पतालों से नजर आई। एक ओर डाक्टर मरीजों को दवा लिख रहे थे तो वहीं बाहरी लोग मरीजों को पकड़ कर अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदने को मजबूर कर रहे थे। मरीज मजबूरी में दवा क्यों न खरीदें जब डाक्टर ही बाहर की दवाएं लिख रहे हैं तो तिमरदार और मरीज़ क्या करें।
सीएम योगी ने कुछ दिन पहले ही सरकारी चिकित्सकों को हिदायत दी थी कि मरीजों को बाहर की दवाएं न लिखी जाएं। लेकिन डाक्टर है कि मानने को राजी नहीं हैं। इस संबंध में जब एसआईसी डाक्टर ए.पी भार्गव ने से बात किया गया तो मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मेरे संज्ञान में ऐसा मामला सामने नहीं आया है यदि ऐसा मामला आता है तो कार्रवाई कर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
महराजगंज से संवाददाता प्रदीप आनंद श्रीवास्तव की रिपोर्ट।