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UP Monsoon News: मानसून के दस्तक से पहले ही योगी सरकार ने बाढ़ से फसलों को बचाने का काम किया शुरू

Even before the onset of monsoon, Yogi government started the work of saving crops from floods

Even before the onset of monsoon, Yogi government started the work of saving crops from floods

देश के ‘फूड बास्केट’ के तौर पर प्रतिष्ठित उत्तर प्रदेश में, योगी सरकार ने प्रदेश की फसलों के रखरखाव को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करके उसे क्रियान्वित कर दिया है। प्रदेश में फिलहाल हीट वेव का प्रकोप जारी है और जल्द ही मानसून भी प्रदेश में सक्रिय होने जा रहा है। ऐसे में, फसलों के उचित रखरखाव, हीटवेव तथा बाढ़ से बचाव की प्रक्रिया को अमली-जामा पहनाने की प्रक्रिया सरकार ने शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी किसानों के हितों को प्रमुख रूप से प्राथमिकता देते हैं।

यही कारण है कि मौसमी परिवर्तन के कारण किसानों को किसी प्रतिकूल परिस्थिति का सामना न करना पड़े तथा केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का उन्हें लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बाढ़ के लिहाज से प्रदेश के 27 अति संवेदनशील, 13 संवेदनशील तथा 35 सामान्य जिलों में क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप द्वारा दी गई तकनीकी संस्तुतियों के आधार पर एडवायजरी निर्गत करने के कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

लू के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए एडवायजरी जारी

प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातर लू व हीटवेव का प्रकोप जारी है जिसका असर फसलों पर भी साफ दिख रहा है। ऐसे में, सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इस मौसमी प्रकोप से प्रदेश की फसलों की रक्षा के लिए पहले ही मुख्य सचिव ने क्षेत्रिय कृषि अधिकारियों को एडवायजरी जारी की जा चुकी है।

इस एडवायजरी को क्रियान्वित करते हुए फसलों की सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह (क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप) की संस्तुतियों के आधार पर इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें धान नर्सरी में पानी निकासी व नमी को सुनिश्चित करने, मल्चिंग तकनीक का प्रयोग करने, स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग, नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई, जैविक खाद का प्रयोग, कन्टूर ट्रेंच विधि के प्रयोग समेत भूजल व वर्षा जल संरक्षण जैसी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है।

बाढ़ से फसलों की सुरक्षा के लिए ये योजनाएं

यूपी में बहुत जल्द मानसून सक्रिय हो रहा है, ऐसे में बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली बाढ़ की स्थिति से निपटने और फसलों को इस अवस्था से बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया जारी है।

इस क्रम में, क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप द्वारा दी गई तकनीकी संस्तुतियों के आधार पर एडवायजरी निर्गत करने के कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है। बाढ़ के दृष्टिगत प्रदेश के 27 अति संवेदनशील, 13 संवेदनशील तथा 35 सामान्य जिलों के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार, जलमग्न क्षेत्रों में धान की स्वर्णा सब-1, सांभा महसूरी सब-1, आईआर-64 सब 1 व एनडीआर-99301111 जैसी फसलों को वरीयता दी जाए। सण्डा विधि का उपयोग तथा धान की रोपाई मध्य जून से जुलाई प्रथम माह में करने जैसी प्रक्रियाएं मुख्य तौर पर क्रियान्वित की जाएं।

फसल बीमा से लाभान्वित करने पर सरकार का फोकस

प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ सभी किसानों को मिले इस उद्देश्य से सीएम योगी की मंशा अनुरूप क्रियान्वित की गई योजना के अनुसार सभी जिलों में फसलों को ग्राम पंचायत स्तर पर बीमित करने और किसानों को बीमा कवर उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के जरिए भी किसानों को लाभान्वित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इस प्रक्रिया में बीमित खरीफ फसल के तौर पर केला, मिर्च व पान तथा रबी फसल के तौर पर टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर व आम को वरीयता दी गई है। केले के लिए 30 जून, मिर्च के लिए 31 जुलाई, पान के लिए 30 जून, टमाटर के लिए 30 नवम्बर, शिमला मिर्च के लिए 30 नवम्बर, हरी मटर के लिए 30 नवम्बर तथा आम के लिए फसलवार बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर निर्धारित की गई है।

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