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KNP Railway Updates: 189 करोड़ की लागत से झांसी-कानपुर रेलवे ट्रैक पर फेसिंग लगना शुरू, मवेशी रहेंगे दूर

यूपी के झांसी से कानपुर के बीच बने रेलवे ट्रैक पर पशुओं की आवाजाही के साथ दुर्धटना रोकने के लिए फेंसिंग लगाने का काम शुरू हो चुका है। जिसके तहत लगभग 212 किलोमीटर तक पटरी के दोनों तरफ फेंसिंग होगी, ऐसा इसलिए ताकि कोई जानवर या इंसान ट्रैक तक न पहुंच पाए। इसके लिए रेलवे प्रशासन एक अरब 89 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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KNP Railway Updates: 189 करोड़ की लागत से झांसी-कानपुर रेलवे ट्रैक पर फेसिंग लगना शुरू, मवेशी रहेंगे दूर

यूपी के झांसी से कानपुर के बीच बने रेलवे ट्रैक पर पशुओं की आवाजाही के साथ दुर्धटना रोकने के लिए फेंसिंग लगाने का काम शुरू हो चुका है। जिसके तहत लगभग 212 किलोमीटर तक पटरी के दोनों तरफ फेंसिंग होगी, ऐसा इसलिए ताकि कोई जानवर या इंसान ट्रैक तक न पहुंच पाए। इसके लिए रेलवे प्रशासन एक अरब 89 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है।

पशुओं की आवाजाही के कारण आए दिन रेलवे ट्रैक पर हादसे होते रहते हैं। इससे पशु हानि तो होती ही है, साथ ही रेलवे को भी नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी प्रभावित होती है।

एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर होगी फेंसिंग

हादसों पर अंकुश लगाने के लिए रेल प्रशासन द्वारा रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग लगाने की योजना बनाई गई थी। प्रथम चरण में झांसी-कानपुर रेल खंड के बीच काम शुरू कर दिया गया है। यहां एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर डब्ल्यू बीम मेटल टाइप फेंसिंग कराई जा रही है। इसकी ऊंचाई भी इतनी भी इतनी रखी जा रही है कि जानवर कूदकर भी ट्रैक पर नहीं आ पाए।

इतना ही नहीं, वाहनों के अनियंत्रित होकर रेलवे ट्रैक पर पहुंच जाने के मामलों में भी कमी आएगी। डब्ल्यू बीम मेटल टाइप फेंसिंग का काम 1.89 अरब रुपए की लागत से कराया जा रहा है। इसमें झांसी से परौना के बीच 67 करोड़ और परौना से कानपुर के बीच 1.22 अरब रुपए खर्च किए जाएंगे। रेलवे की अगले साल तक इस काम को पूरा करने की योजना है।

पिछले 6 माह में 1130 पशुओं की ट्रैक पर मौत

रेल ट्रैक पर ट्रेन के सामने पशु आने के हर माह 150 से अधिक मामले सामने आते रहते हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 6 माह के अंदर 1130 इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। रेल ट्रैक से सटे गांवों में रेलवे द्वारा जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी पशुओं के रेल ट्रैक पर आने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब इसकी रोकथाम के लिए रेलवे फेंसिंग कर रहा है।

पीआरओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि ट्रेन के सामने पशुओं के आने से रेलवे को क्षति होती है, साथ ही ट्रेनों की गति भी प्रभावित होती है। इसलिए झांसी-कानपुर रेलमार्ग पर फेंसिंग कराई जा रही है।

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