हमीरपुर के सायर गांव के किसानों ने रबी फसल की सिंचाई हेतु नहर में पानी न आने से जबरदस्त नाराजगी जताते हुए मौदहा-बिवांर मुख्य मार्ग पर सड़क जाम कर दिया। दोनों ओर लगती वाहनों की लाइन ने इस बात का संकेत दिया कि किसान इस समस्या से कितना परेशान हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भी स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन किसानों का क्रोध देखकर पुलिस के पसीने भी छूट गए।
लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप
किसानों का मानना है कि मौदहा बांध से संचालित नहरों में लगातार पानी की कमी हो रही है। उनका आरोप है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जानबूझकर मुख्य नहर से पूरा पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे न केवल फसलों की सिंचाई में बाधा आ रही है, बल्कि भ्रष्टाचार की भी छाया दिखाई दे रही है।
फसलों पर पानी की कमी का प्रभाव
बीते लगभग एक माह से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है, जिससे गेहूं की फसलें सूखने लगी हैं। किसान बताते हैं कि फसल पकने से पहले पानी की अति आवश्यकता होती है, और अब फसल के बालियां भी निकलने लगी हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता पर प्रश्न चिह्न लग गया है।
जन आंदोलन की चेतावनी
पहले 19 फरवरी को भी बिवांर कस्बे में मौदहा बांध के हेड पर धरने दिए गए थे, जहाँ अधिकारियों द्वारा केवल दस सेंटीमीटर पानी बढ़ाया गया था। आज, मात्र 12 घंटे में पानी न मिलने की स्थिति पर किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि एक दिन के भीतर समाधान नहीं हुआ तो बड़े पैमाने पर जन आंदोलन का भी आयोजन किया जाएगा।
किसानों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि समय पर सिंचाई का इंतजाम नहीं किया गया, तो वे पैमाने पर प्रदर्शन को और तेज करेंगे, जिससे फसलों और किसानों के भविष्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।