किसानों ने चांदपुर शुगर मिल पर नकली फर्टिलाइजर और कोरोजन कीटनाशक जबरन बेचे जाने का आरोप लगाया है। शुगर मिल गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को कोरोजन और फर्टिलाइजर दे रही है। किसानों का आरोप है कि इस कोरोजन के छिड़काव से फसलों में रेडरॉट बीमारी लगने से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।
कीटनाशक से जुड़ा पूरा मामला बिजनौर जिले के जमालुद्दीनपुर का है, जहां किसानों का कहना है कि शुगर मिल द्वारा दिए गए कोरोजन के छिड़काव से उनकी करीब 30 बीघा गन्ने की फसल नष्ट हो गई है। किसानों का आरोप है कि कोरोजन के प्रयोग से गन्ने की फसल को बीमारी लग गई है। इसको लेकर किसान शुगर मिल और गन्ना समिति अधिकारियों खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं।
आरोप ये भी है कि मिल के कर्मचारियों द्वारा कोरोजन 1550 रुपये की जगह 1750 रुपये में जबरन किसानों को दी जा रही है, वहीं इसका बिल भी नहीं दिया जा रहा है। किसानों ने बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। एक किसान ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे।
मामले को बढ़ता देख जिला कृषि रक्षा अधिकारी मनोज रावत पीड़ित किसान सौरव त्यागी के खेत पर पहुंचे और फसल का जायजा लिया। वहीं शुगर मिल चांदपुर में कीटनाशक के गोदाम और अभिलेखों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने फर्टिलाइजर और कोरोजन के 2 नमूने लिए। नमूने जांच के लिए लैब को भेज दिए गए हैं। उन्होंने किसानों की अन्य शिकायतों पर भी जांच कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शुगर मिल के कर्मचारी किसानों को गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए नियमों के विरुद्ध कोरोजन और फर्टिलाइजर महंगे दाम पर बेच रहे हैं। वहीं इस कोरोजन और फर्टिलाइजर से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। लाखों का नुकसान होने पर किसान गुस्से में हैं। ऐसे में देखना ये होगा कि किसानों की फसल का मुआवजा कब तक मिलेगा और दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्रवाई होगी। या फिर मामला ऐसी ही रफादफा हो जाएगा।