भइया मेरे राखी के वन्धन को निभाना, अपनी बहन को न भुलाना, यह कहते हुए बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर बङे ही हर्षोल्लास के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सभी बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके दीर्घायु होने की कामना की।
वहीं इस पावन पर्व पर राखी बंधवाने वाले सभी भाइयों ने भी अपनी बहनों को रक्षा का वचन दिया ।
रक्षाबंधन पर्व भारतीय संस्कृति का एक पावन पर्व है।
यह त्योहार भाई के प्रति बहनों के असीम स्नेह और बहन के प्रति भाई के कर्तव्यबोध को दर्शाता है।
हर भारतीय त्योहार रिस्तो की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए होता है। हर त्यौहार परिवार के हर सदस्य को एक दूसरे को नजदीक लाने का जरिया है।
उसी तरह रक्षाबंधन भी भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत बनाने की एक कङी है। बहन भाई की कलाई पर जो धागा बांधती है वह अटूट विश्वास और प्रेम से सराबोर होता है।
इस बंधन के बदले भाई अपनी बहन की हर तरह से रक्षा करने का बचन देता है तो बहन भगवान से अपने भाई के लिए यह दुआ करती है कि उसका भाई हर बुराई से दूर रहे।
यूं तो संपूर्ण विश्व में यह त्यौहार मनाया जाता है परन्तु भारत में इसका विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति के नजरिए से अगर देखा जाए तो उत्तर भारत में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है।
सिर्फ सगे भाई बहनों में ही नहीं अपितु नाते रिश्तेदारों में हर भाई बहन के बीच यह त्यौहार प्रेम और विश्वास का एक बंधन है।
जहां भाई बहनों की रक्षा का वचन देते हैं वहीं बहने भाइयों के लिए आरती उतार कर उनके माथे पर तिलक लगाती है।