यूपी के पीलीभीत से भाजपा विधायक विवेक वर्मा के पिता रामसरन वर्मा ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि- बिना किसी ऊपर वाले के भरोसे क्या कोई रिश्वत ले सकता है? लेखपाल पैसा लेता है, तो इसमें ऊपर वालों का भी हाथ होता है। तभी इतना पैसा मिलता है। इनसे अच्छी तो मायावती थीं। कम से कम रिश्वतखोरी तो बंद कर दी थी। मैं सब कुछ बोल देता हूं, मुझे किसी का डर नहीं है। मैं भाजपा का हूं, तब भी सच ही बोलूंगा।
बता दें कि रामसरन वर्मा 2 बार भाजपा के विधायक रह चुके हैं। भाजपा की ओर से राज्यमंत्री भी बनाए गए थे। विधायक रहते भी वे धरने पर बैठ जाते हैं। अब उन्होंने छुट्टा जानवरों और स्थानीय समस्याओं को सरकार के सामने उठाया है।
मंगलवार को भी पूर्व विधायक रामसरन वर्मा बीसलपुर मंडी में धरने पर बैठ गए। उन्होंने आवारा पशुओं की समस्या, नगर पालिका द्वारा तीन गुना बढ़ाए जा रहे वॉटर टैक्स, हाउस टैक्स और नगर पालिका में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है।
उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष के पति की संपत्ति की जांच की मांग भी की है। उनके इस धरने में दूर-दूर से लोग शामिल हो रहे हैं। रामसरन वर्मा ने इसे अनिश्चितकालीन धरना बताया है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं, वे धरना जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि बीसलपुर विधानसभा सीट से रामसरन वर्मा ने 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के अनीस खान को हराकर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 2017 के चुनाव में भी उन्हें उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में उन्होंने 40 हजार से अधिक वोटों से दोबारा जीत हासिल की थी। उस वक्त सीएम फेस को लेकर कयासबाजी चल रही थी। तब रामसरन ने कहा था कि, मैं सरकार में मंत्री और विधायक रह चुका हूं। मैं भी मुख्यमंत्री बनने के काबिल हूं।
पूर्व राज्य मंत्री रामसरन वर्मा ने 2022 विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। भाजपा से बेटे को टिकट देने की सिफारिश की थी। जिसके बाद भाजपा ने उनके बेटे विवेक वर्मा को टिकट दिया।
विवेक वर्मा पिता की छवि पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। ऐसे में बेटे के विधायक रहते हुए पूर्व राज्य मंत्री ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वह आवारा पशुओं से लेकर तमाम अन्य समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।