Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 172 अवैध धुलाई सेंटर ऐसे हैं जो इस प्रचंड गर्मी में भी गाड़ियों को धुलने में लाखों लीटर पानी खराब कर रहे हैं। समान्यतः एक कार को धुलनें में 200 लीटर से ज्यादा पानी खराब हो जाता है तो वहीं एक बाइक के धुलवाई में कम-से-कम 50 लीटर पानी का खपत हो जाता है।
पिछले लगभग देड़ महीने से लोग प्रचंड गर्मी और तपिश से परेशान हैं। गौरतलब है इस गर्मी के चलते कई लोगों की मौत भी हो गई। ऐसे में पानी कि किल्लत होने से लोगों की समस्याएं और बढ़ गई है। वहीं कानपुर में लाखों लीटर पानी रोजाना बर्बाद हो रहा है और बर्बाद भी गाड़ियों को धोने पर हो रहा है, जिससे न तो किसी की प्यास बुझ पा रहा है और न ही पानी किसी सही काम में इस्तेमाल हो पा रहा है।
कानपुर में हर 100 कदम पर गाड़ी धुलाई सेंटर लोगों ने बना लिया है जो प्रत्येक दिन हजारों लीटर पानी सिर्फ गाड़ी धोने में बहा देते हैं। ऐसे में 172 धुलाई सेंटरें को कानपुर नगर आयुक्त और जल विभाग ने अपने पंजे में ले लिया है और इनके मालिकों पर 63 लाख का हर्जाना भी ठोका है।
शहर के प्रत्येक हिस्से में जल का स्तर घटता जा रहा है जो कि आगे आने वाले समय में प्रशासन के साथ-साथ लोगों के लिए भी एक बड़ी मुसीबत का कारण बन जाएगा। इसी संदर्भ को ध्यान में रखते हुए शहर के लगभग 6 जोन में 172 अवैध धुलाई सेंटर पाए गए, जहां पर गाड़ियों के धुलाई बिना रोक-टोक को हो रही थी और हजारों लीटर पानी बर्बाद कर रहे थे। वहीं हजारों लीटर के हिसाब से देखा जाए तो ये अवैध धुलाई सेंटर एक दिन में पानी के सतह से एक लाख से ज्यादा पानी बर्बाद कर दे रहे थे।
शहर में 172 धुलाई सेंटर ऐसे हैं जो लाखों लीटर पानी प्रतिदिन खराब कर देते हैं। ये सेंटर एक कार को धोने में लगभग 200 लीटर पानी खराब कर देते है तो वहीं एक बाइक की धुलाई में करीब 40 से 50 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। ऐसे में एक एक धुलाई सेंटर दिन में लगभग 40 कारें और 25 बाइकें कम से कम धो देते हैं। वहीं ऐसे भी धुलाई सेंटर हैं जो एक दिन में 100 कारें और 100 से ज्यादा बाइक धोते हैं। वहीं सर्विस सेंटरों पर ठीक होने आई गाड़ियां सर्विस से पहले धुली जाती हैं।
जल कल विभाग के महाप्रबंधक एके त्रिपाठी ने कहा कि 172 सेंटरों को चिन्हित कर उनपर 63 लाख का जुर्माना लगाया गया है जो ऐसी गतिविधियों में संलिप्त थे। फिर उन्होंने संचालित करने वाले धुलाई केंद्रों के मालिकों पर एफआईआर कर मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। इस संबंध में सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगर किसी प्रकार से धुलाई सेंटर चलते मिले तो विभाग के लोग भी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे। जो गलत करेगा वह शिकंजे में आएगा।