गर्मियों की शुरुआत के साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बीते सप्ताह दो बड़ी घटनाएं सामने आईं—पहली ग्रेटर नोएडा के एक पीजी में, जहां एक युवती गंभीर रूप से घायल हो गई, और दूसरी नोएडा सेक्टर-18 के कृष्णा प्लाजा में, जिसमें 22 लोग घायल हुए और तीन की हालत गंभीर रही। समय पर बचाव कार्य से जानें तो बचा ली गईं, लेकिन इन घटनाओं ने फायर सेफ्टी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
फायर फाइटिंग के लिए 30 करोड़ का बजट
इन घटनाओं से सबक लेते हुए नोएडा प्राधिकरण ने फायर फाइटिंग सिस्टम को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 30 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। यह राशि एक साथ जारी नहीं की जाएगी, बल्कि आवश्यकता के अनुसार चरणबद्ध तरीके से उपकरणों की खरीद पर खर्च की जाएगी।
हाईटेक उपकरणों से लैस होगा अग्निशमन विभाग
सीईओ लोकेश एम की अगुवाई में फायर सेफ्टी ऑफिसर के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया गया। इस बजट से अग्निशमन विभाग को अत्याधुनिक उपकरण दिए जाएंगे, जिनमें शामिल होंगे:
- ड्रोन सिस्टम: जो ऊंची इमारतों में बाहर से आग बुझाने में मदद करेंगे।
- एडवांस फायर सूट: जिनकी मदद से दमकल कर्मी आग के भीतर जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन कर सकेंगे।
- हाई प्रेसर वॉटर गन और थर्मल इमेजिंग कैमरे: ताकि धुएं के बीच भी सही लोकेशन का पता लगाया जा सके।
कृष्णा प्लाजा के आवंटन की जांच शुरू
नोएडा सेक्टर-18 की कृष्णा प्लाजा इमारत में लगी आग के बाद अब प्राधिकरण उसकी आवंटन प्रक्रिया की जांच कर रहा है। इसमें यह देखा जाएगा कि एनओसी कब दी गई, नियमों का पालन हुआ या नहीं, और क्या निर्माण कार्य में किसी तरह की अनियमितता की गई थी।
अवैध कमर्शियल गतिविधियों पर कसेगा शिकंजा
प्राधिकरण ने यह भी माना है कि रेजिडेंशियल सेक्टरों में अवैध रूप से हो रही कमर्शियल गतिविधियां आग लगने की एक बड़ी वजह बन रही हैं। अधिक लोड और अवैध वायरिंग से शॉर्ट सर्किट की संभावना बढ़ जाती है। प्राधिकरण अब:
- सभी आवासी सेक्टरों की जांच करेगा।
- अवैध गतिविधियों को चिन्हित कर बंद कराया जाएगा।
- दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फायर सेफ्टी कार्यशाला का आयोजन
आम जनता में जागरूकता फैलाने और आग से बचाव के तरीके सिखाने के लिए प्राधिकरण एक फायर सेफ्टी वर्कशॉप का आयोजन करेगा। यह कार्यशाला इंदिरा गांधी कला केंद्र में होगी, जहां फायर सेफ्टी ऑफिसर और अन्य विशेषज्ञ लोगों को प्रशिक्षण देंगे:
- आग लगने पर कैसे प्रतिक्रिया दें
- प्राथमिक उपचार के उपाय
- गर्मी में फायर रिस्क से कैसे बचें
- गर्मी से राहत के लिए वाटर स्प्रिंकल
तेज होती गर्मी और तापमान में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्राधिकरण ने मुख्य चौराहों और बाजारों में वाटर स्प्रिंकल लगाने का निर्णय लिया है। इससे:
- स्थानीय तापमान को नियंत्रित किया जा सकेगा
- प्रदूषण में भी कुछ हद तक कमी आएगी
- आमजन को गर्मी में राहत मिलेगी
सीईओ लोकेश एम ने कहा कि अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भीषण गर्मी महसूस की जा रही है। इसलिए आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ेगा। ऐसे में यह कदम बेहद जरूरी है।