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UP Firozabad News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा फिरोजाबाद का नगर निगम, नरकीय जीवन जीने को मजबूर लोग

Firozabad Municipal Corporation becomes victim of corruption, people forced to live hellish life

Firozabad Municipal Corporation becomes victim of corruption, people forced to live hellish life

UP News: फिरोजाबाद नगर निगम लगातार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। शहर के कई जगहों पर विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है। जिसके चलते शहर की श्रीराम कालोनी के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम के अधिकारियों पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है। वहीं नगर निगम की कार्यशैली से परेशान होकर स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग के लिए मोर्चा खोल दिया है।

गलियों को रिपेयर कर कागजों में नया दिखाया

फिरोजाबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि यहां श्रीराम कॉलोनी के लोग परेशान हैं। लोगों ने नगर निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विकास कार्यों पर पलीता लगाने का आरोप लगाया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां की गलियों को रिपेयर कर कागजों में नया दिखाया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारी सरकारी धन हड़पने का काम कर रहे हैं।

हालत ये हैं कि वार्ड नंबर 49 और रोशन गंज में चौबान मोहल्ला इंद्रा कॉलोनी की बनी हुई सड़कों को दोबारा तोड़कर बनाया गया, लेकिन श्रीराम कॉलोनी गली अभी तक नहीं बनाई गई।

स्थानीय लोगों का आरोप क्या है

लोगों का आरोप है कि नगर निगम ने श्रीराम कॉलोनी भागीरथ कुंज में एक भी ईंट नहीं लगवाई। यहां तक कि गलियों में स्ट्रीट लाइट तक नहीं है। मोहल्ले की गलियों में कीचड़ भरा रहता है। कई बार नगर निगम की मेयर कामिनी राठौर को अवगत कराया गया, लेकिन सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला। गुस्साए लोगों ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बुद्धि सुद्धि यज्ञ भी किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नगर निगम का यही रवैया रहा तो 4 जून के बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

लोगों का आरोप है कि जहां काम होना चाहिए वहां काम नहीं हो रहा है। नगर निगम उन कामों पर ध्यान दे रहा है जो पहले से पूरे हो रखे हैं। उनकी मरम्मत कर दोबारा से नया काम दिखाया जा रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। लेकिन अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार करने के लिए कोई न कोई रास्ता ढ़ूढ लेते हैं। जिससे आम जनता को सरकारी योजनाओं का तो लाभ नहीं मिल पाता है वहीं सरकार को भी लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।

कुल मिलाकर ऐसे कार्यों का बड़े स्तर पर जांच होनी चाहिए, जिनमें भ्रष्टाचार होने की आशंका है। वहीं दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि विकास कार्यों के लिए मिला बजट सही जगह पर लग सके और लोगों का विकास हो सके।

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