यूपी सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीसीडा में तैनात पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने शासन द्वारा जारी तबादले के आदेश का पालन नहीं किया और अपने पदों पर बने रहे।
औद्योगिक विकास अनुभाग-4 के संयुक्त सचिव जयवीर सिंह द्वारा जारी आदेश में यह बताया गया कि इन अधिकारियों ने 30 जून 2023 को जारी किए गए जनहित के तबादला आदेश की अवहेलना की थी, जिसके चलते इन पर यह कार्रवाई की गई है। इन अधिकारियों में आर.ए गौतम सीनियर मैनेजर, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, गुरविंदर सिंह सीनियर मैनेजर, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, आरके शर्मा सीनियर मैनेजर, नोएडा अथॉरिटी, के.एन श्रीवास्तव यूपीएसआईडीसी व राजेंद्र भाटी डीजीएम यमुना विकास प्राधिकरण को सस्पेंड किया गया है| इसके अलावा कई ओर भी सस्पेंशन की तलवार लटक सकती है।
जहां एक तरफ अलग-अलग औद्योगिक प्राधिकरण के पांच अधिकारियों को शासन ने निलंबित किया तो वही नोएडा अथॉरिटी में 15 वर्षों से अधिक तैनात विजय रावल डीजीएम सिविल एवं सत्येंद्र गिरी प्रबंधक का स्थानांतरण विगत वर्ष होने के बाद भी यह कार्य मुक्त नहीं हुए रूप वशिष्ठ वरिष्ठ प्रबंधक और रोहित सिंह प्रबंधक 15 वर्षों से अधिक समय से तैनात हैं इन्होंने अथॉरिटी से सर्विस की शुरुआत की और तब से तैनात हैं इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
इन चारों अधिकारियों के खिलाफ अभी तक विभागीय मंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की है जहां एक तरफ मुख्यमंत्री जीरो टॉरलेंस नीति पर काम कर रहे हैं तो वहीं कई वर्षों से जमे इन भ्रष्ट अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई। या फिर ये कहे उच्च स्तर पर बैठे अधिकारियों का इनको संरक्षण प्राप्त है।
अब देखना यह होगा की मुख्यमंत्री, भ्रष्टाचार में डूबे और कई वर्षो से तैनात इन अधिकारियों पर कब कार्रवाई करते हैं।
उपरोक्त अधिकारियों के बारे में आईडीसी एवं मुख्य सचिव से जब बात की गई तब उनके द्वारा बताया गया लगभग 20 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और कार्रवाई का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।