तिरुपति बालाजी के लड्डू विवाद पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाराणसी में काशी विश्व मंदिर में प्रसाद मिलने के बाद कहा कि, बाबा विश्वनाथ का प्रसाद मिला तो दिमाग खटका, प्रसाद पर आ रही खबरे बहुत चिंताजनक हैं। कल रात मेरे कुछ सहयोगी बाबा विश्वनाथ के धाम गए थे। उन्होंने बाबा का प्रसादम दिया तो मेरे मन में तिरुमाला की घटना याद आई। मेरे मन में खटका। हर तीर्थ स्थल पर ऐसी घटिया मिलावट हो सकती है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि- बाबा विश्वनाथ के प्रसादम में हर किसी का अटूट भरोसा और श्रद्धा है। इसमें कितना क्या है, उस पर जाना नहीं चाहता, लेकिन ये देश के हर मंदिर की कहानी हो सकती है। हिंदू धर्म के अनुसार ये बहुत बड़ा पाप है। इसकी ढंग से जांच होनी चाहिए। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने शनिवार को BHU के आयुर्वेद विभाग की 2 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में ये बातें कही है।
तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू विवाद के बाद वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के महाप्रसादम की भी जांच हुई है। इसके लिए मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह शुक्रवार को अपनी टीम के साथ औचक प्रसाद तैयार होने वाले स्थाम पर पहुंचे। उन्होंने लडुडू बनने की पूरी प्रक्रिया का निरिक्षण किया। वहां का साफ-सफाई का जायजा लिया और महाप्रसाद को चखा। वहीं SDM ने महाप्रसादम का सैंपल भी लिया जिसे यूपी फूड डिपार्टमेंट को भेज दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट करीब 15 दिन बाद आएगी।
इस संदर्भ में एसडीएम शंभू शरण सिंह ने कहा कि- तिरुपति प्रसाद विवाद सामने आने के बाद से काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता की जांच हो रही है।
एसडीएम ने एक राष्ट्रीय हिन्दी वेबसाइट से कहा कि, काशी विश्वनाथ मंदिर में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसलिए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करना बेहद आवश्यक है। फूड डिपार्टमेंट की ओर से लगातार गुणवत्ता की जांच हो रही है ताकि कोई भी चूक न हो सके।
वहीं लैब टेस्ट से जुड़े सवाल पर एसडीएम ने कहा कि घी की लैब टेस्टिंग कराई गई है। जिसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। हालांकि, अधिकारियों ने दोबारा सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया है, ताकि पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित हो सके और किसी भी प्रकार की भ्रांति न रह जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाबा विश्वनाथ को अर्पित होने वाला भोग मंदिर के पुजारियों द्वारा ही तैयार होता है, जबकि श्रद्धालुओं के लिए वेंडर के साथ टाई-अप किया गया है, जो प्रसाद की पूर्ति करते हैं।
लड्डू निर्माण में लगे वेंडर अशोक हलवाई ने राष्ट्रीय हिन्दी वेबसाइट को बताया कि- लड्डू निर्माण के दौरान गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है। हम और हमारे वर्कर लहसुन-प्याज या मादक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। वर्कर्स मास्क पहनकर लड्डू बनाते हैं। खाने-पीने और टॉयलेट के लिए बिल्डिंग से बाहर अलग स्थान पर जाते हैं। अशोक हलवाई ने इस बात पर जोर दिया कि उनके लड्डू निर्माण कार्य में केवल सनातनी लोग ही शामिल होते हैं। गैर-सनातनी लोगों का इसमें कोई स्थान नहीं है।
वहीं लड्डू निर्माण में लगी वर्कर रेखा ने कहा कि वे सुबह घर से नहा-धोकर आती हैं और लड्डू बनाने में पूरे साफ-सफाई का ध्यान रखती हैं। खाने-पीने या टॉयलेट के लिए भी उन्हें निर्माण स्थल से बाहर जाना पड़ता है। वहीं, वर्कर अभिषेक ने भी कहा कि साफ-सफाई और शुद्धता को सर्वोपरि रखा जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता वाला प्रसाद मिल सके।
तिरुपति बालाजी प्रसाद की घटना के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ताबड़तोड़ निरीक्षण और जांच शुरू कर दी है। प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर उच्च स्तर की सख्ती बरती जा रही है और प्रशासन पूरी तरह से सुनिश्चित कर रहा है कि भक्तों तक शुद्ध और पवित्र प्रसाद ही पहुंचे।