नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मल्टीमॉडल कार्गो हब के पास फ्रूट बेस्ड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। इस परियोजना के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL), विश्व बैंक और भारत बायोटेक की सहायक कंपनी इनोवा फूड पार्क की एक संयुक्त समिति बनाई गई है, जो इसका वित्तीय मॉडल तैयार करेगी। इस पहल का उद्देश्य पैक्ड फलों और जूस के निर्यात को बढ़ावा देना है, जिससे जेवर और आसपास के जिलों के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
निर्यात बढ़ाने के लिए कंपनियों के साथ हुई बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब विकसित करने को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में इनोवा फूड पार्क, विश्व बैंक, AISATS, YIAPL और NIAL के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान बागवानी आधारित निर्यात केंद्र स्थापित करने और इसका वित्तीय मॉडल तैयार करने पर चर्चा हुई। सरकार इस परियोजना को कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने के रूप में देख रही है, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
कोल्ड चेन सिस्टम से जुड़ेगी प्रोसेसिंग यूनिट
इस परियोजना के तहत फ्रूट बेस्ड प्रोसेसिंग यूनिट को AISATS कंपनी द्वारा विकसित कोल्ड चेन सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा। इससे फलों और जूस को लंबे समय तक ताजा रखा जा सकेगा और वे आसानी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात किए जा सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार, कंपनियां इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
इसके अलावा, इस परियोजना के लिए विश्व बैंक ने 350 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने की सहमति दी है, जिससे इस योजना को तेजी से लागू किया जा सकेगा।
फलों की सफाई और संरक्षण के लिए बनेगा गामा विकिरण सेंटर
फलों की सफाई और खाद्य संरक्षण के लिए गामा विकिरण (Gamma Radiation) सुविधा आवश्यक होगी। हालांकि, सुरक्षा कारणों से इसे हवाई अड्डे के परिसर में स्थापित नहीं किया जा सकता। इसके समाधान के लिए NIAL के सीईओ अरुण वीर सिंह ने सेक्टर 22E में भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव रखा है।
इस प्रणाली के तहत, फलों को पहले गामा विकिरण सेंटर में भेजा जाएगा, जहां उनकी सफाई और छीलने जैसी प्रक्रियाएं पूरी होंगी। इसके बाद, उन्हें प्रोसेसिंग यूनिट में स्थानांतरित किया जाएगा और फिर कोल्ड चेन सिस्टम के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात किया जाएगा।
परियोजना से किसानों और निर्यातकों को होगा बड़ा लाभ
इस फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर दाम मिलेंगे और उनके फल सीधे वैश्विक बाजारों तक पहुंच सकेंगे। इससे निर्यात में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र को एक नया आयाम मिलेगा।
प्रदेश सरकार की इस पहल से जेवर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आसपास के जिलों के किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, यह परियोजना उत्तर प्रदेश को फल और जूस निर्यात के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।