वाराणसी में गंगा नदी में चलने वाली नावों के किराए को सोमवार को तय कर दिया गया। अस्सी घाट से नमो घाट तक आने-जाने का किराया एक व्यक्ति के लिए 345 रुपये निर्धारित किया गया है। यह निर्णय नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने साझा किया है। इस फैसले का उद्देश्य यात्रियों को सुविधाजनक और पारदर्शी सेवा प्रदान करना है।
नगर आयुक्त ने जानकारी दी कि सभी प्रमुख घाटों पर इन दरों की सूची चस्पा की जा रही है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके साथ ही काशी इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर में एक हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। इसे महाकुंभ के कंट्रोल रूम के रूप में भी जाना जाएगा। यात्रियों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1533 जारी किया गया है।
कंट्रोल रूम में तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो श्रद्धालुओं को आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर की सूची भी लगाई जा रही है, जिससे यात्रियों को नजदीकी रैन बसेरों और उपलब्ध बेड की जानकारी मिल सके।
महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए निगम ने 13 स्थायी और 8 अस्थायी शेल्टर होम का संचालन शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त 20 नए रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है। महाकुंभ के दौरान कुल 50 रैन बसेरों का संचालन किया जाएगा।
शहर के प्रमुख कुंडों जैसे लक्ष्मीकुंड, दुर्गाकुंड, पिशाचमोचन, और सारंग तालाब की नियमित सफाई की जाएगी। घाटों और धार्मिक स्थलों पर भी सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। 1100 सफाई कर्मचारियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। 25 मोबाइल टॉयलेट और 40 वॉटर टैंकर की व्यवस्था भी की गई है।
शहर के सभी प्रवेश द्वारों और प्रमुख चौराहों पर बड़े-बड़े स्वागत बोर्ड लगाए जा रहे हैं। घाटों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को महत्वपूर्ण घोषणाएं सुनाई जा सकें। स्नान घाटों और सड़कों से अतिक्रमण हटाने का कार्य भी जारी है।
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य यात्रियों को सुव्यवस्थित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करना है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन हर स्तर पर तैयारियों को पुख्ता कर रहा है।