उन्नाव के पश्चिम के बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण शुकिलागंज की ओर बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है और गंगा का पानी घाटों तक पहुंच रहा है। इस संदर्भ में केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि 24 घंटे में 18 सेमी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है।
अब शुक्लागंज के सूखे घाटों तक पानी पहुंचने लगा है। वहीं जलस्तर बढ़ने से प्रतिदिन गंगा स्नान करने वालों को ज्यादा दूर स्नान के लिए नहीं जाना होगा। गौरतलब है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश होने के कारण गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। केन्द्रीय जल आयोग ने चौबीस घंटे में 18 सेमी गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की है।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 110.920 मीटर दर्ज किया गया था। जिसके बाद शुक्रवार सुबह सात बजे 111.050 मीटर पहुंच गया। वहीं शाम छह बजे 111.100 मीटर दर्ज किया गया। शनिवार की सुबह भी जलस्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। चौबीस घंटे के भीतर गंगा के जलस्तर में 18 सेमी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को फिरसे बाढ़ के त्रासदी का डर सताने लगा है।
केंद्रीय जल आयोग की माने तो गंगा के जलस्तर में बराबर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुये तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को इस बार भी बाढ़ की आशंका काटने लगी है। वहीं केन्द्रीय जल आयोग ने कहा कि अभी गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी रहेगी। क्योंकि पश्चिम के बांधों से लगातार पानी भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण नमामि गंगे घाट, गंगा विशुन घाट, रेलवे पुल घाट, शिव पंडा घाट तक को पानी ने अपने आघोष में ले लिया है।
जलस्तर वृद्धि होने से सावन में प्रतिदिन गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को अब ज्यादा साहूलियत मिलेगी। वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने से अब शुक्लागंज की तरफ भी तेजी से पानी बढ़ने लगा है। जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को बाढ़ का खतरा फिर से सताने लगा है। इसका कारण पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश है जिससे गंगा का जलस्तर आगे के दिनों में तेजी से बढ़ सकता है। पश्चिम के बांधों में भारी मात्रा में पानी एकत्रित हो रहा है। जिस चलते अभी धीरे-धीरे पानी छोड़ा जा रहा है, पर बारिश इसी तरह से होती रही तो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।