वाराणसी में गंगा का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है। 1 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। सोमवार की सुबह के 8 बजे जब गंगा का जलस्तर देखा गया तो यह 62.6 मीटर था। वहीं, बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है।
यूपी के बॉर्डर राज्यों समेत, बिहार और मध्यप्रदेश में भारी बारिश हो रही है जिसका प्रभाव अब धर्म नगरी काशी में भी स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। ऐसे में घाट के पास रहने वाले लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। वहीं बाढ़ से घाट किनारे स्थित मंदिर गंगा के पानी में डूबते जा रहे हैं। ऐसे में पूजा-पाठ भी बाधित हो रही है।
इसके साथ ही घाट किनारे पूजा पाठ करने वाले पुरोहितों ने भी अपने चौकियों के स्थान को बदल दिया है। एक स्थानीय पुरोहित ने कहा कि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते अब व्यवस्थाओं में बदलाव हो रहा है और चौकियों को नीचे की सीढ़ियों से अब ऊपर की ओर ले जाया जा रहा है जिससे धार्मिक अनुष्ठान बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके।
वाराणसी के कुछ घाट ऐसे भी हैं जिनकी दर्जनों सीढियां अब जलमग्न हो चुकी हैं। अस्सी घाट के सीढ़ियों के नीचे जमे मिट्टी भी समाधि ले चुके हैं। इतना ही नहीं कई घाटों का सम्पर्क मार्ग भी अब पूरी तरह से टूट गया है। बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर 62.6 मीटर पर है। जबकि खतरे का निशान 71.26 मीटर निर्धारित है।
जल पुलिस प्रभारी मिथलेश यादव ने कहा कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए छोटी नाव के संचालन पर रोक लगा दिया गया है। वही बड़े नाव के संचालन का समय सुबह 5 से शाम के 6 बजे तक निर्धारित है। इसी के साथ महत्वपूर्ण घाटों पर जलपुलिस की टीम को तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार के खतरे से बचा जा सके।