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Noida News: नोएडा एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टरों तक फरवरी से पहुंचेगा गंगाजल

नोएडा के एक्सप्रेसवे से सटे सेक्टरों में फरवरी से गंगाजल की आपूर्ति शुरू होने जा रही है। इसके लिए सेक्टर-69 के भूमिगत जल भंडार (यूजीआर) से सेक्टर-137 और फिर सेक्टर-132 तक 5.50 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।

15 फरवरी तक गंगाजल परियोजना को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यह पाइपलाइन गंगाजल की 80 क्यूसेक क्षमता वाली मुख्य योजना का हिस्सा है, जिससे शहर की 75% आबादी को स्वच्छ जल मिल रहा है। नई लाइन के चालू होते ही सेक्टर-130, 132, 133, 135 सहित अन्य क्षेत्रों में भी गंगाजल पहुंचेगा।

पिछले वर्ष के लीकेज के बाद किए गए सुधार

गत वर्ष इस पाइपलाइन की टेस्टिंग के दौरान 500 एमएम, 800 एमएम और 900 एमएम व्यास वाली जीआरपी पाइपलाइन में कई स्थानों पर डैमेज पाए गए थे। इन्हें ठीक करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 4.95 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत का कार्य पूरा किया है। फरवरी के पहले सप्ताह में इसका ट्रायल रन किया जाएगा, जिसके बाद इसे मुख्य यूजीआर लाइन से जोड़ दिया जाएगा।

एक्सप्रेसवे के निकट सेक्टर-150 के लिए नई पाइपलाइन योजना

प्राधिकरण अब एक्सप्रेसवे के समानांतर बसे सेक्टर-150 और आसपास के इलाकों में गंगाजल पहुंचाने के लिए दूसरी पाइपलाइन बिछाने की योजना बना रहा है। इसके तहत या तो मौजूदा लाइन की मरम्मत की जाएगी या नई लाइन डाली जाएगी। इस संबंध में जल्द ही एक बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जाएगा। सीईओ लोकेश एम ने बताया कि जलापूर्ति बढ़ाने के लिए दो नए रिचार्ज वेल्स भी बनाए जा रहे हैं, जिनके पानी को गंगाजल में मिलाकर सप्लाई किया जाएगा।

नोएडा की जल खपत और भविष्य की रणनीति

वर्तमान में नोएडा में प्रतिदिन 406 मिलियन लीटर (एमएलडी) पानी की खपत होती है, जिसमें से 240 एमएलडी गंगाजल, शेष भूजल और रिचार्ज वेल्स से प्राप्त होता है। जल परियोजना के जीएम आरपी सिंह के अनुसार, एक बार सभी 11 रिचार्ज वेल्स पूरी तरह संचालित हो जाएंगे, तो भूजल पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। 15 फरवरी के बाद जेपी समेत आसपास के सेक्टरों को गंगाजल मिलना शुरू हो जाएगा, जिससे नागरिकों को स्वच्छ पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

टिकाऊ जल प्रबंधन की ओर बढ़ते कदम

नोएडा प्राधिकरण की यह पहल न केवल नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी, बल्कि भूजल के दोहन को कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी। आने वाले समय में अधिक सेक्टरों को गंगाजल से जोड़ने की योजना से शहर के सतत विकास को नई गति मिलेगी।

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