उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए है. एक बार फिर से यूपी में शिक्षा विभाग पर सवालियां निशान उठ रहा है. दरअसल गाजियाबाद पैरेंट एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर जम कर नारेबाजी की। उन्होंने एक ज्ञापन भी सौपा।
पैरंट एसोसिएशन से जुड़े विवेक त्यागी ने बताया कि इतनी लंबी लड़ाई के बावजूद राइट टू एजुकेशन के तहत जिन बालक बालिकाओं का एडमिशन स्कूल में होना चाहिए था वह नहीं हुआ है। उनके मुताबिक कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है बस पत्राचार किया जा रहा है।
गाजियाबाद पैरंट एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह ने इस मौके पर कहा कि जो गरीब बच्चे एजुकेशन लेना चाहते है उन बच्चों का हक मारा गया तो गाजियाबाद शिक्षा विभाग में ताला लगा दिया जाएगा। जब विभाग जरूरतमंद की मदद नहीं कर सकता तो ऐसे विभाग का क्या फायदा।
आपको बता दें कि पैरंट एसोसिएशन से जुड़े विवेक त्यागी ने बताया कि निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) ग के अंतर्गत जिले में जिन स्कूल को भी मान्यता प्राप्त है वो 25 फ़ीसदी निर्धारित सीटों पर कमजोर वर्ग के बालक बालिकाओं को दाखिला देखकर निशुल्क शिक्षा देंगे।
विवेक त्यागी ने ये भी बताया कि शिक्षा सत्र 2023-2024 के अंतर्गत चार चरणों में लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से कुल 5 हजार 8 सौ 41 एकतालिस बच्चों का चयन हुआ था। जिसमें 8 महीने की लंबी लड़ाई के बावजूद 3310 बच्चों का दाखिला ही हो पाया है। लगातार संघर्ष के बावजूद 2531 बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकारों से अब भी दूर है। हालांकि अभी भी कई ऐसे छात्र है जिनका दाखिला नही हो पाया है.